डार्क स्टोर बना 10 मिनट डिलीवरी का ‘ब्रह्मास्त्र’, जानें Zepto, Blinkit, Instamart में किसके पास सबसे ज्यादा

10 मिनट की क्विक डिलीवरी सेगमेंट ने पूरे ई-कॉमर्स सेक्टर के लैंडस्केप को बदल रखा है. इसी में आगे निकलने के लिए सभी कंपनियां तैयारी कर रही हैं. इस दिशा में जो काम सबसे पहले किया जा रहा है वह डार्क स्टोर की संख्या में इजाफा करना है. आइए जानते हैं 10 मिनट डिलीवरी की गणित और डार्क स्टोर का फंडा.

क्या है 10 मिनट का ये फंडा? Image Credit: @Money9live

भारत के E-Commerce सेक्टर का लैंडस्केप पूरी तरह से बदल रहा है. 10 मिनट में डिलीवरी करने की होड़ ने भारतीय बाजार में एक नया सेगमेंट तैयार कर दिया है. मेट्रो शहरों से लेकर टियर- 2 सिटीज तक, पीठ पर बैग टांगे लोगों ने पूरे रिटेल बाजार के इकोसिस्टम को बदलने की तैयारी में हैं.

लेकिन क्या जानते हैं कि ब्लिंकइट, जेप्टो, बिगबास्केट जैसी कंपनियां इतनी जल्दी आपके सामान को डिलीवर करने का दावा कैसे करती हैं? कंज्यूमर तक प्रोडक्ट्स की क्विक डिलीवरी करने में कंपनियां ‘डॉर्क स्टोर’ का सहारा लेती हैं. इस क्विक डिलीवरी की रेस में बने रहने के लिए डार्क स्टोर की संख्या में काफी तेजी से विस्तार हो रहा है. इससे पहले हम संख्या पर जाएं, ये जान लेना जरूरी है कि इतने बड़े मार्केट का भार उठाने वाला ये डार्क स्टोर है क्या.

क्या है 10 मिनट में डिलीवरी का सहारा ‘डार्क स्टोर’?

क्विक डिलीवरी सेगमेंट का पूरा दारोमदार डार्क स्टोर पर है. कह सकते हैं कि यहीं इनके बिजनेस की जान है. डार्क स्टोर को डार्क सुपरमार्केट या डॉटकॉम सेंटर भी कहा जाता है. यह एक रिटेल डिस्ट्रीब्यूशन गोदाम होता है. जो हर इलाके में मौजूद होता है. ग्राहक जब भी अपने मोबाइल फोन से किसी प्रोडक्ट को ऑर्डर करता है इसकी जानकारी तुरंत पास के डार्क स्टोर में पहुंच जाती है. इसी के साथ दूसरी ओर कंपनी डिलीवरी बॉय को भी असाइंड कर देता है.

जितनी देर में डिलीवरी करने वाला लड़का स्टोर पर पहुंचता है, उतने समय में वहां मौजूद वर्कर्स ऑर्डर किए गए सामानों को पैक कर देते हैं. फिर डिलीवरी बाय की जिम्मेदारी होती है कि वह बचे हुए समय में उसका सही एड्रेस पर डिलीवरी करे.

डार्क स्टोर्स की लगातार बढ़ती संख्या

क्विक डिलीवरी सेगमेंट में कंपनियां काफी तेजी से अपने डार्क स्टोर की संख्या में बढ़ोतरी कर रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया ने Datum Intelligence के हवाले से बताया कि जोमैटो के स्वामित्व वाली ब्लिंकइट के पास कुल 791 डार्क स्टोर हैं. स्विगी के इंस्टामार्ट इस रेस में 605 डार्क स्टोर के साथ दूसरे पायदान पर है. जेप्टो के पास 470, बिगबास्केट के पास 400 और फ्लिपकार्ट के नए प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट मिनट्स के पास कुल 40 डार्क स्टोर हैं.

कंपनीडार्क स्टोर की संख्या
ब्लिंकइट791
इंस्टामार्ट605
जेप्टो470
बिगबास्केट400
फ्लिपकार्ट मिनट्स40
सोर्स: Datum Intelligence

कंपनियां स्टोर्स पर कर रहीं खर्च

TOI के एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्विगी के को फाउंडर और सीईओ श्रीहर्ष मजेटी ने कहा कि उन्हें अपनी क्विक डिलीवरी बिजनेस में प्लांड डेवलपमेंट से अधिक की उम्मीद है. 14 बिलियन डॉलर की कंपनी को अगले साल के मार्च तक अपने डार्क स्टोर के क्षेत्र को 4 मिलियन वर्ग फुट तक बढ़ाने का लक्ष्य बना रही है. जो 1.5 मिलियन वर्ग फुट की क्षमता से लगभग दोगुना हो जाएगा.

वहीं दूसरी ओर अमेजन ने भी इस सेगमेंट में एंट्री  करने की तैयारी में है. कंपनी इस महीने के अंत में बेंगलुरु में पायलट प्रोजेक्ट की योजना बना रही है. JM Financial के 18 दिसंबर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का ऑनलाइन फूड डिलीवरी मार्केट मार्च 2029 तक 15 बिलियन डॉलर जो कि दोगुना से भी अधिक है, का बन सकता है.

डार्क स्टोर के क्षेत्र को बढ़ाने की तैयारी

इंस्टामार्ट, ब्लिंकइट, जेप्टो जैसे क्विक डिलीवरी सर्विस देने वाली कंपनियां अब बड़े घरेलू प्रोडक्ट्स को इस सेगमेंट में शामिल करने की ताक में हैं. यहीं वजह है कि यह कंपनियां अपने स्टोर को तेजी से बढ़ा रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, जेप्टो वॉटर हीटर, एयर प्यूरीफायर जैसे बड़े प्रोडक्ट्स को रखने के लिए 8000 वर्ग फुट तक के डार्क स्टोर को खोल रही है.

TOI से बात करते हुए जेप्टो के एक अधिकारी ने बताया, “यह क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है. साथ ही इसका प्रदर्शन भी काफी अच्छा है. उत्तरी क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बढ़ने के बाद एयर प्यूरीफायर की मांग में काफी इजाफा आया था.” इन तमाम मांगों को पूरा करने और इस सेगमेंट और अपनी कंपनी का विस्तार करने के लिए इस दिशा में लगातार काम कर रही हैं.