मुकेश अंबानी लाएंगे भारत की पहली Crypto करेंसी! Jiocoin की चल रही है टेस्टिंग, जानें पूरा मामला

Jiocoin फिलहाल एक रिवार्ड टोकन के रूप में लॉन्च हुआ है, लेकिन इसके इस्तेमाल और भूमिका को लेकर अभी भी कई सवाल हैं. जियो का यह कदम भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में ब्लॉकचेन और वेब3 टेक्नोलॉजी को और बढ़ावा देने वाला साबित हो सकता है.

क्या है Image Credit: सक्रीनशॉट

What is Jiocoin?: क्या भारत का अपना Bitcoin आने वाला है? ये सवाल तब से चर्चा में है जब से Jio Platforms ने Polygon Labs के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की है. इसके बाद माना जा रहा है कि देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में कदम रखने वाले हैं. इन सब खबरों के बाद से ही “Jiocoin” चर्चा में आ गया है. यहां तक की सोशल मीडिया पर इसके स्क्रीनशॉट्स भी शेयर किए जा रहे हैं. हालांकि, अभी तक कंपनी ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. लेकिन जियोकॉइन क्या है? और इसका क्या इस्तेमाल हो सकता है?

क्या है जियोकॉइन?

खबरों के मुताबिक, जियो प्लेटफॉर्म्स ने पॉलीगॉन ब्लॉकचेन नेटवर्क पर एक नया रिवॉर्ड टोकन लॉन्च किया है, जिसे जियोकॉइन कहा जा रहा है. ब्लॉकचेन नेटवर्क पर आने से इसे क्रिप्टोकरेंसी कहा जा रहा है. यह टोकन फिलहाल जियोस्फीयर (JioSphere) ब्राउजर में इंटीग्रेट किया गया है, जो जियो का खुद का वेब ब्राउजर है. सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स का दावा है कि यह टोकन उन लोगों को रिवॉर्ड करता है जो जियोस्फीयर ब्राउजर के जरिए इंटरनेट ब्राउज करते हैं.

हालांकि, यह टोकन अभी ट्रांसफर या रिडीम नहीं किया जा सकता. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि जियो के बड़े इकोसिस्टम में इसे और इंटीग्रेट किया जाएगा, जिससे इसका महत्व बढ़ेगा.

कैसे इस्तेमाल होगा Jiocoin?

बिटिनिंग (Bitinning) नामक एजुकेशन प्लेटफॉर्म के सीईओ और क्रिप्टो एक्सपर्ट काशिफ रजा, का मानना है कि आने वाले समय में जियोकॉइन का इस्तेमाल सीमित रूप से किया जा सकता है. उन्होंने सुझाव दिया कि इसे मोबाइल रिचार्ज और रिलायंस के पेट्रोल पंपों पर खरीदारी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

पॉलीगॉन लैब्स के साथ पार्टनरशिप

15 जनवरी, 2025 को, जियो ने घोषणा की थी कि उसने पॉलीगॉन लैब्स के साथ साझेदारी की है और अपने 450 मिलियन से अधिक यूजर्स के लिए ब्लॉकचेन और वेब3 आधारित सेवाओं को इंटीग्रेट करने की योजना बनाई है. हालांकि, कंपनी कौन सा प्रोडक्ट बना रही है इसके बारे में जानकारी नहीं दी गई थी. लेकिन इसके अगले ही दिन जियोस्फीयर ब्राउजर पर जियोकॉइन वॉलेट देखा गया, जिससे इस टोकन की खबरें और पक्की हो गईं.

क्या करती है पॉलीगॉन लैब्स?

पॉलीगॉन लैब्स एक ऐसी कंपनी है जो वेब3 एप्लिकेशन डेवलप करती है और पॉलीगॉन ब्लॉकचेन नेटवर्क के पीछे भी यही मुख्य रूप से काम करती है. यह 2017 में मैटिक नेटवर्क के रूप में शुरू हुई थी और बाद में इसका नाम पॉलीगॉन लैब्स रखा गया.

भारत में क्रिप्टो पर कड़े नियम

जियोकॉइन की शुरुआत ऐसे समय में हो रही है जब भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कड़े नियम लागू हैं. भारत में क्रिप्टो से होने वाले मुनाफे पर 30% टैक्स और हर ट्रांजेक्शन पर 1% टीडीएस लागू है.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) तो क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से बैन करने का सुझाव दे चुका है और इसके बजाय डिजिटल रुपये को बढ़ावा दे रहा है, जो भारत का केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है. इसके बावजूद, भारत में क्रिप्टो का काफी तेजी से विस्तार हो रहा है, खासकर युवाओं के बीच, जो इसे निवेश के रूप में अपना रहे हैं.