साल के आखिर में GST परिषद की पोटली में आम लोगों के लिए क्या, जानें कहां बढ़ और घट सकता है टैक्स?

55वीं जीएसटी परिषद की बैठक 21 दिसंबर, 2024 को राजस्थान के जैसलमेर में होने जा रही है. साल के आखिर में होने जा रही इस बैठक से आम लोगों को मोटे तौर पर कुछ उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स छूट की उम्मीद है.

इस साल 21 दिसंबर को जीएसटी परिषद की आखिरी बैठक है. Image Credit: jayk7/Moment/Getty Images

राजस्थान के जैसलमेर में 21 दिसंबर, 2024 को जीएसटी परिषद की 55वीं बैठक होने जा रही है. साल के आखिर में इस बैठक से आम लोगों को उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स छूट के तोहफे की उम्मीद है. वहीं, सरकार के लिए यह बैठक रेवेन्यू अर्निंग को सुधारने के लिहाज से अहम है. माना जा रहा है कि बैठक में सबसे बड़ा फैसला लाइफ इंश्योरेंस को लेकर किया जा सकता है. यह ऐसा मुद्दा है, जिसे लेकर पिछली कई बैठकों में चर्चा हो चुकी है. इसके अलावा इस मुद्दे पर मंत्री समूह भी विचार-विमर्श कर चुका है.

21 दिसंबर, 2024 को जैसलमेर में होने वाली इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ तमाम राज्यों के वित्तमंत्री भी शामिल होंगे. उम्मीद है कि काउंसिल इस बैठक में खासतौर पर टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के टैक्स स्लैब को घटा सकती है.

148 आइटम पर टैक्स में उठापटक संभव

क्लियर टैक्स के मुताबिक इस बैठक का मुख्य फोकस लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम की जीएसटी दरों में छूट या कमी पर होगा. इसके अलावा तंबाकू, सिगरेट और सॉफ्ट ड्रिंक्स सहित 148 से ज्यादा वस्तुओं की जीएसटी दरों में बदलाव हो सकता है. इसका मकसद रेवेन्यू अर्निंग को बढ़ाना है. खासतौर पर पुरानी कारों को लेकर इस बैठक में टैक्स रेट में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.

पुरानी कार का बड़ा बाजार

देश में यूज्ड कार का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. मोटे तौर पर अब तक यह बाजार असंगठित था. अक्सर लोग आपस में पुरानी कारों की खरीद-फरोख्त कर लिया करते थे. ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में भारत में यूज्ड कार का बाजार करीब 32.44 अरब डॉलर का रहा. यह 2028 तक यह 73 अरब डॉलर का होने की संभावना है. सरकार इस बाजार को राजस्व के बड़े स्रोत के तौर पर देख रही है. यही वजह है कि जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमिटी ने यूज्ड कार पर टैक्स बढ़ाने की सिफारिश की है.

कितना बढ़ सकता है टैक्स

BT की रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी काउंसिल EV समेत पुराने और यूज्ड वाहनों पर GST दर को बढ़ाकर 18% कर सकती है, जो फिलहाल 12 फीसदी है. रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमिटी ने ओल्ड और यूज्ड वाहनों पर GST दर को 18% करने की सिफारिश की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नए इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV ) पर फिलहाल 5 फीसदी जीएसटी लागू हैं. लेकिन, यूज्ड EV पर अगर 18% जीएसटी लगता है, तो इसका असर रिसेल EV बाजार को प्रभावित कर सकता है.

घट सकती है यूज्ड कार की डिमांड 

बीटी की रिपोर्ट में दावा गया किया गया है कि अगर यूज्ड कारों पर 18% जीएसटी दर लागू होती है, तो इससे यूज्ड कार बाजार में मंदी आ सकती है. खासतौर पर ईवी ग्राहकों को झटका लग सकता है. फिलहाल यूज्ड कार पर 12 से 18 फीसदी के बीच में जीएसटी लागू है. इसमें से ज्यादातर कारें 12 फीसदी के स्लैब में आती हैं.

नए वाहनों पर मौजूदा टैक्स रेट

वाहन का प्रकारजीएसटी रेटसेसकुल टैक्स
पेट्रोल/सीएनजी/एलपीजी कार 1200 सीसी से कम और लंबाई 4 मीटर से कम28%1%29%
पेट्रोल/सीएनजी/एलपीजी कार 1200 सीसी से कम और लंबाई 4 मीटर से अधिक28%15%43%
पेट्रोल/सीएनजी/एलपीजी कार 1200 सीसी से अधिक (लंबाई पर ध्यान दिए बिना)28%22%50%
डीजल कार 1500 सीसी से कम और लंबाई 4 मीटर से कम28%3%31%
डीजल कार 1500 सीसी से कम और लंबाई 4 मीटर से अधिक28%20%48%
डीजल कार 1500 सीसी से अधिक इंजन क्षमता, 4 मीटर से अधिक लंबाई और 170 मिमी या उससे अधिक ग्राउंड क्लीयरेंस28%22%50%
इलेक्ट्रिक कार (2 और 3 पहिया सहित सभी आकार)12%Nil12%
एम्बुलेंस के रूप में उपयोग के लिए फिट किए गए वाहन28%Nil28%
तीन पहिया मोटर चालित वाहन28%Nil28%
हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों सहित ईंधन सेल वाहन12%Nil12%
350 सीसी तक की इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलें/मोपेड28%Nil28%
350 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलें28%3%31%
स्रोत : पैसा बाजार

पुराने वाहनों पर मौजूदा टैक्स रेट

कार का प्रकारजीएसटी रेटसेसकुल टैक्स
पेट्रोल/सीएनजी/एलपीजी कार 1200 सीसी से कम 12%Nil12%
पेट्रोल/सीएनजी/एलपीजी कार 1200 सीसी से ज्यादा 18%Nil18%
डीजल कार 1500 सीसी तक12%Nil12%
डीजल कार 1500 सीसी से अधिक18%Nil18%
स्रोत : पैसा बाजार

फूड डिलिवरी पर घट सकता है टैक्स

सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी काउंसिल की बैठक में फूड डिलिवरी पर टैक्स का बोझ घटाया जा सकता है. फिलहाल, फूड डिलिवरी सर्विस पर 18 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. सीएनबीसी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसे घटाकर 5 फीसदी किया जा सकता है.