कौन है जमशेदपुर का वो अनजान शख्स, जिसे रतन टाटा ने दिए 500 करोड़, परिवार से लेकर कंपनी में सब हैरान

रतन टाटा की वसीयत में 500 करोड़ रुपये मोहिनी मोहन दत्ता नामक व्यक्ति को दिए जाने का प्रावधान किया गया है, जो ट्रैवल सेक्टर के उद्यमी हैं और जमशेदपुर से हैं. उनका परिवार स्टैलियन ट्रैवल एजेंसी का मालिक था, जिसे 2013 में ताज सर्विसेज में मिला दिया गया था.

रतन टाटा की वसीयत में 500 करोड़ रुपये एक व्यक्ति को दिए जाने का प्रावधान किया गया है. Image Credit: social media

Ratan Tata will: टाटा ट्रस्ट के दिवंगत चेयरमैन रतन टाटा के निधन के बाद उनकी वसीयत खोली गई. इसमें उन्होंने अपनी संपत्ति में से 500 करोड़ रुपये एक ऐसे व्यक्ति को देने का प्रावधान किया है, जिसका नाम पहले बहुत कम लोगों ने सुना था और जिन्हें रतन टाटा के करीबी लोगों में नहीं गिना जाता था. वसीयत में यह नाम देखकर टाटा परिवार और उनके करीबी लोग भी हैरान हैं.

यह व्यक्ति मोहिनी मोहन दत्ता हैं, जो ट्रैवल सेक्टर के उद्यमी हैं और जमशेदपुर के रहने वाले हैं. दत्ता का परिवार स्टैलियन नाम की एक ट्रैवल एजेंसी का मालिक था, जिसे 2013 में ताज ग्रुप की कंपनी ताज सर्विसेज में मिला दिया गया था. स्टैलियन में दत्ता परिवार की 80% हिस्सेदारी थी, जबकि शेष टाटा इंडस्ट्रीज के पास थी. मोहिनी दत्ता TC ट्रैवल सर्विसेज (थॉमस कुक की एक पुरानी सहयोगी कंपनी) के निदेशक भी रह चुके हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है. हालांकि Money9Live अलग से इस बात की पुष्टि नहीं करता है.

लंबे समय से संपर्क में

रतन टाटा के करीबी लोगों के अनुसार, दत्ता लंबे समय से उनके संपर्क में थे और टाटा के परिवार व निजी सर्कल में उनकी पहचान थी। जब दत्ता से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. वसीयत के चार कार्यकारी अधिकारी रतन टाटा की सौतेली बहनें शिरीन और दीना जेजीभॉय, दारियस खंबाटा और मेहली मिस्त्री ने भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

परिवार के करीबी होने का दावा

इकोनॉमिक्स टाइम के रिपोर्ट के मुताबिक, दत्ता की दो बेटियों में से एक ने 2024 तक लगभग नौ साल तक टाटा ट्रस्ट्स में काम कर चुकी हैं. इससे पहले, उन्होंने ताज होटल्स में काम किया था. टाटा ग्रुप के सूत्रों के मुताबिक, दत्ता खुद को टाटा परिवार के करीबी बताते थे.

अक्टूबर 2024 में रतन टाटा (RNT) के अंतिम संस्कार के दौरान, दत्ता ने मीडिया को बताया कि उनकी और रतन टाटा की पहली मुलाकात जमशेदपुर के डीलर्स हॉस्टल में हुई थी, जब टाटा 24 साल के थे. दत्ता ने कहा, उन्होंने मेरी बहुत मदद की और मुझे आगे बढ़ने में सहयोग दिया. दत्ता को दिसंबर 2024 में मुंबई के NCPA में रतन टाटा के जन्मदिन समारोह में भी बुलाया गया था.

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संपत्ति दान के लिए ट्रस्ट बनाया

रतन टाटा की अधिकतर संपत्ति चैरिटी के लिए समर्पित की गई है. उनकी सौतेली बहनों ने भी अपनी संपत्ति का हिस्सा चैरिटी को देने की इच्छा जताई है. उन्होंने अपनी संपत्ति दान करने के लिए रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट बनाए थे. वे टाटा संस में 0.83 फीसदी हिस्सेदारी के मालिक थे, और उनकी अनुमानित संपत्ति 8,000 करोड़ रुपये थी. हालांकि, उनकी असली संपत्ति इससे कहीं अधिक हो सकती है.

उनके पास Ferrari और Maserati जैसी लग्जरी कारें, महंगी पेंटिंग्स, स्टार्टअप्स में निवेश और अन्य संपत्तियां भी थीं. रतन टाटा के निजी निवेश प्लेटफॉर्म RNT Associates के पास FY23 तक ₹186 करोड़ के निवेश थे, लेकिन यह राशि उनकी वास्तविक बाजार कीमत से कहीं अधिक हो सकती है. उनकी संपत्ति का डिस्ट्रीब्यूशन तभी हो पाएगा जब उनकी वसीयत को हाई कोर्ट से मंजूरी (Probate) मिल जाएगी, जिसे पूरा होने में छह महीने तक की समय लग सकता हैं.