कौन है अंसल ग्रुप का मालिक, जिसके पीछे पड़ी योगी सरकार, जानें क्यों धड़ाधड़ दर्ज हो रहें FIR
रियल एस्टेट की दिग्गज कंपनी अंसल ग्रुप इन-दिनों मुसीबतों में घिरी हुई है. इस पर एक के बाद एक एफआईआर दर्ज हो रही है. ग्रुप के खिलाफ ये कार्रवाई यूपी सीएम योगीनाथ की ओर से जारी ऑर्डर के बाद किया गया. कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी, विश्वासघात, आपराधिक साजिश और संगठित अपराध जैसे गंभीर आरोप है. कंपनी दिवालिया भी हो चुकी है.

FIR against Ansal Group: रियल एस्टेट की दिग्गज कंपनी अंसल ग्रुप इन-दिनों सुर्खियों में है. इसके खिलाफ लखनऊ में मंगलवार को यूपी पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है. कंपनी पर धोखाधड़ी, विश्वासघात, आपराधिक साजिश और संगठित अपराध जैसे गंभीर आरोप है. अंसल ग्रुप के खिलाफ यह कदम यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी करने के बाद उठाया गया गया है. इतना ही नहीं यूपी सीएम ने कंपनी की धोखाधड़ी से होमबायर्स को बचाने का भी ऑर्डर दिया गया है. मगर क्या आपको पता है धोखाधड़ी के आरोप में घिरे अंसल ग्रुप का मालिक कौन है और कैसे ये कंपनी धीरे-धीरे रियल एस्टेट सेक्टर की बादशाह बन गई, आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे.
कौन है असंल ग्रुप का मालिक?
सुशील अंसल, जिन्हें उनके करीबी ‘सुशील जी’ के नाम से भी बुलाते हैं, वह अंसल API ग्रुप के चेयरमैन हैं. दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई करने वाले सुशील ने 21 साल की उम्र में 1960 के दशक में रियल एस्टेट की दुनिया में कदम रखा था. उनके पिता चिरंजीव लाल अंसल चाहते थे कि वो अफसर बनें, लेकिन सुशील का मन शुरू से ही इमारतें बनाने में था. सुशील ने 1998 में अंसल प्लाजा बनाकर नॉर्थ इंडिया में मॉल कल्चर की नींव रखी. उनकी मेहनत रंग लाई और अंसल API देश की टॉप रियल्टी कंपनियों में शुमार हो गई.
कंपनी के इन लोगों पर दर्ज हुई FIR
धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश समेत कई दूसरे गंभीर आरोपों के चलते अंसल एपीआई ग्रुप के तमाम दिग्गजों के खिलाफ लखनऊ में एफआईआर दर्ज की गई है. इसमें अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रा लिमिटेड के प्रमोटर्स प्रणव अंसल, सुशील अंसल, सुनील कुमार गुप्ता, फ्रांसेट पैट्रिका एटकिंसन और डायरेक्टर विनय कुमार सिंह का नाम शामिल है. इसके अलावा अंसल समूह के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों में बुधवार को गाजियाबाद में भी एक और FIR दर्ज की गई है.
क्यों मुसीबतों में घिरी कंपनी?
रियल एस्टेट की दुनिया में बड़ा नाम बना चुके अंसल API ने लखनऊ, नोएडा और दूसरे शहरों में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए और ग्राहकों को समय से फ्लैट्स, प्लॉट्स, विला और कमर्शियल स्पेस देने का वादा किया, लेकिन 2009 से प्रॉपर्टी बेचने के बाद भी कई निवेशकों को आज तक कुछ नहीं मिला. बहुत से इंवेस्टरों को तो 10 साल से ज्यादा इंतजार करते हुए बीत गए हैं. कंपनी ने लोगों से पैसा लिया, लेकिन प्रॉपर्टी हैंडओवर नहीं की. निवेशकों का न ही कोई ठोस जवाब दिया गया. कंपनी ने पैसा लेने के बावजूद प्रोजेक्ट पूरे नहीं किए. सरकार ने जमीन आवंटन बढ़ाया, लेकिन अंसल API इन प्रोजेक्ट्स को संभाल नहीं पाई. इतना ही नहीं कंपनी ने डेवलपमेंट के लिए लोन लिए गए, लेकिन कंपनी कर्ज चुका नहीं सकी और आखिरकार दिवालिया हो गई. इससे निवेशकों के होश उड़ गए हैं.
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7000 से ज्यादा निवेशकों का फंसा करोड़ों
1967 में अंसल एपीआई नाम से रियल एस्टेट कंपनी रजिस्टर्ड हुई थी. 2025 तक 7000 से ज्यादा निवेशकों ने इसमें पैसा लगाया था. लखनऊ, दिल्ली एनसीआर समेत 5 राज्याें में अंसल एपीआई ने अपनी 21 से ज्यादा टाउनशिप बनाई है.
NCLT ने इंसॉल्वेंसी प्रोसेस में डाला
अंसल एपीआई ग्रुप पहले से ही मुसीबतों में घिरी है. 25 फरवरी को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने अंसल प्रॉपर्टीज को इंसॉल्वेंसी प्रोसेस में डाल दिया था. ये फैसला IL&FS फाइनेंशियल सर्विसेज की शिकायत पर आया, जिसने कहा कि अंसल ने ₹257 करोड़ का कर्ज नहीं चुकाया है. IL&FS का दावा है कि 2022 में उनके बीच सेटलमेंट हुआ था, लेकिन अंसल ने वादे पूरे नहीं किए है.
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