कौन है IndusInd Bank का मालिक, जहां हुआ गड़बड़झाला, जानें क्‍या हो गया खेल

देश के प्रमुख प्राइवेट बैंक इंडस्‍इंड के शेयरों में आजकल भारी गिरावट देखने को मिल रही है, इसकी वजह बैंक में डेरिवेटिव पोर्टफोलियों में मिली खामियां और आरबीआई की ओर से बैंक के मौजूदा सीईओ के कार्यकाल विस्‍तार को कम किया जाना है.

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Who is the owner of IndusInd Bank: देश के प्रमुख इंडसइंड बैंक के शेयरों में आजकल भारी गिरावट देखने को मिल रही है. RBI की ओर से बैंक के मौजूदा सीईओ सुमंत कठपालिया को तीन साल के बजाय महज एक साल का एक्‍सटेंशन दिए जाने से शेयर और टूट गए. इतना ही नहीं UBS और BofA समेत तमाम रेटिंग एजेंसियों ने बैंक के शेयरों की रेटिंग भी घटा दी है. तमाम उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहें इस निजी बैंक की आखिर किसने नींव रखी थी और कैसे ये एक बड़ा नाम बना आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे.

किसने रखी थीं IndusInd Bank की नींव?

प्राइवेट सेक्‍टर के प्रमुख बैंक के तौर पर जाने-जाने वाले इंडस्‍इंड बैंक की नींव एनआरआई बिजनेसमैन श्रीचंद पी. हिंदुजा ने रखी थी. हिंदुजा समूह के मुखिया ने इस बैंक का सपना देखा था, जो आज देश भर में अपनी पहचान बना चुका है. बैंक का औपचारिक उद्घाटन अप्रैल 1994 में इंडसइंड बैंक का औपचारिक उद्घाटन हुआ था. उस वक्त वित्त मंत्री की भूमिका निभाने वाले डॉ. मनमोहन सिंह ने इसे हरी झंडी दिखाई थी. बैंक ने अपनी शुरुआत 35 मिलियन डॉलर (लगभग 29 करोड़ रुपये) के साथ की और अपनी पहली ब्रांच मुंबई के ओपेरा हाउस में खोली थी.

क्‍यों मुश्किलों में घिरा बैंक?

10 मार्च, 2025 को इंडसइंड बैंक की ओर से जारी एक स्टेटमेंट में बताया कि रिजर्व बैंक के निर्देश पर की गई इंटरनल रिव्यू में अन्‍य एसेट और अन्‍य लायबिल्‍टी अकाउंट्स की जांच की गई. यह समीक्षा डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से संबंधित हैं. समीक्षा में इन खातों में कुछ गड़बड़ी पाई गईं हैं. इससे बैंक की नेटवर्थ में दिसंबर 2024 के मुकाबले 2.35% की कमी आ सकती है. यानी ये करीब 1530 करोड़ तक घट सकता है. बैंक का कहना है कि अप्रैल 2024 से लागू रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नियमों के हिसाब से डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से जुड़ी चीजें ठीक नहीं थीं.

कितने हैं कस्‍टमर्स?

इंडसइंड बैंक देश का पांचवा सबसे बड़ा निजी बैंक है. बैंक के देश भर में करीब 4.2 करोड़ ग्राहक हैं. इंडसइंड बैंक की 3,063 शाखाएं हैं. इसके 2,993 एटीएम पूरे भारत में फैले हैं. यह नेटवर्क 1,60,000 गांवों तक फैला है. बैंक की शाखाएं लंदन, दुबई और अबू धाबी तक फैली हुई हैं.

शेयर बाजार में कब रखा था कदम?

नवंबर 1997 में IndusInd Bank ने अपना पहला पब्लिक ऑफर (IPO) लॉन्च किया था और इससे 30 मिलियन डॉलर (करीब 25 करोड़ रुपये) जुटाए थे. आईपीओ लाने के इस फैसले के बाद से बैंक को नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ा. बैंक ने ‘एनिवेयर बैंकिंग’ पहल की शुरूआत की. इसके तहत 18 शाखाओं और 11 एटीएम का नेटवर्क तैयार किया गया था, जिसने ग्राहकों को हर जगह बैंकिंग की सुविधा दी.

नए प्रोडक्ट्स की बहार

बैंक ने अपने प्रोडक्ट्स की रेंज बढ़ाई. उसने FAST फॉरेक्स, इंडस होम, इंडस एस्टेट और इंडस ऑटो जैसी बेहतरीन सर्विसेज से ग्राहकों का दिल जीतने की कोशिश की. इतना ही नहीं इंडसइंड बैंक ने मोबाइल बैंकिंग की भी शुरुआत की और इसे पूरे देश में फैलाया.

डिजिटल क्रांति और लोन बांटने की शुरुआत

IndusInd Bank ने ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए ‘इंडसनेट’ नाम से इंटरनेट बैंकिंग शुरू की. साथ ही फोन बैंकिंग भी लॉन्च की, जिसने सुविधा को दोगुना कर दिया. इसके अलावा बैंक ने हाउसिंग, पर्सनल और ऑटो लोन की कई रेंज पेश की.

इस कंपनी के साथ किया मर्जर

इंडस्‍इंड बैंक ने अशोक लेलैंड फाइनेंस लिमिटेड के साथ साल 2003-04 में हाथ मिलाया. यह मर्जर बैंक के विस्तार की राह में मील का पत्थर साबित हुआ. इसके बाद इंडसइंड ने इंडसइंड एंटरप्राइजेज एंड फाइनेंस लिमिटेड (एक NBFC और बैंक का प्रमोटर) के साथ भी मर्जर किया.

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