Starbucks भारतीय है या विदेशी, जानें TATA से क्या है नाता
पॉपुलर कॉफी ब्रांड Starbucks भारत छोड़कर जाने और अपने कर्मचारियों के हड़ताल की वजह से चर्चाओं में हैं, लेकिन टाटा ग्रुप ने इसे खारिज कर दिया है. तो क्या है मामला और कैसे हुई स्टारबक्स की भारत में एंट्री यहां जानें पूरी डिटेल.
कॉफी के शौकीनों का फेवरेट ब्रांड Starbucks इन-दिनों सुर्खियों में है. एक तरफ जहां इस कंपनी के भारत छोड़ने की चर्चा है, तो वहीं इसके कर्मचारियों के हड़ताल पर बैठने की भी खबर सामने आ रही है. हलाांकि TATA ग्रुप की ओर से भारत में संचालित Starbucks के देश से जाने की बातों को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है. मगर क्या आपको पता है ये विदेशी कंपनी भारत में कब आई और TATA Group से इसका कनेक्शन कैसे बना, आज हम आपको इसी बारे में बताएंगे.
TATA Group का है ज्वाइंट वेंचर
स्टारबक्स की भारत में एंट्री साल 2012 में हुई थी. यहां उसने अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) के साथ हाथ मिलाया था. टाटा के साथ Starbucks की 50-50 फीसदी की हिस्सेदारी है. मुंबई में इसका पहला स्टोर खोला गया था, तब से दोनों मिलकर भारत में इस कॉफी ब्रांड को आगे बढ़ा रहे हैं. वित्त वर्ष 24 में इस कंपनी ने भारत में सबसे अधिक स्टोर खोले हैं. पिछले कुछ वर्षों से इसकी पॉपुलैरिटी इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि यह लोगों के बीच एक स्टेटस सिंबल बन चुका है. युवाओं में इसका क्रेज सबसे ज्यादा है. यही वजह है कि यह भारत में सबसे पसंदीदा कॉफी ब्रांडों में से एक बन गया है. यह अपने कस्टमर्स को प्रीमियम कॉफी हाउस का अनुभव देता है.
देश में कितने हैं स्टोर?
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक TSPL के अब भारत के 70 शहरों में 457 स्टोर हैं. इस साल की शुरुआत में, स्टारबक्स ने कहा था कि उसका लक्ष्य 2028 तक भारत में 1,000 और स्टोर खोलना है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए, कंपनी अपने कर्मचारियों की संख्या को दोगुना करके लगभग 8,600 करेगी. कंपनी का मकसद टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी जगह बनाना है. साथ ही ड्राइव-थ्रू, एयरपोर्ट आउटलेट और 24 घंटे खुले रहने वाले स्टोर का विस्तार करेगी.
कैसी है वित्तीय स्थिति?
मिंट की रिपोर्ट के अनुसार टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) और अमेरिकी कॉफी चेन स्टारबक्स के ज्वाइंट वेंचर टाटा स्टारबक्स प्राइवेट लिमिटेड यानी TSPL का घाटा वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर ₹81 करोड़ हो गया था, जबकि ऑपरेशनल वर्क से रेवेन्यू में 12% की वृद्धि हुई है. वित्त वर्ष 2023 में कॉफी चेन ने ₹23.9 करोड़ का घाटा दर्ज किया था. टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने वित्त वर्ष 24 में टाटा स्टारबक्स प्राइवेट लिमिटेड में ₹25 करोड़ का निवेश किया था.
कब हुई थी Starbucks की शुरुआत?
Starbucks मूल रूप से यूएस की कंपनी है. इसका पहला स्टोर मार्च 1971 में यूएस में वॉशिंगटन के पाइक प्लेस मार्केट, सिएटल में खोला गया था. जिसमें दुनिया भर से ताज़ी भुनी हुई कॉफी बीन्स, चाय और मसाले पेश किए गए. कंपनी का नाम क्लासिक कहानी, “मोबी-डिक” से प्रेरित था. इसकी शुरुआत सैन फ्रांसिस्को यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले तीन दोस्तों ने की थी, जिनका नाम गेराल्ड बाल्डविन, गॉर्डन बोकर और ज़ेव सीगल थे. उन्होंने स्टारबक्स की शुरुआत इसलिए की क्योंकि वे चाहते थे कि सिएटल को स्वादिष्ट डार्क-रोस्टेड कॉफी मिले, जो उन्हें पसंद थी. 1982 में, हॉवर्ड शुल्ट्ज़ इस कंपनी का हिस्सा बनें. स्टारबक्स में उनकी शुरुआत काफी दिलचस्प है, वह पाइक प्लेस स्टोर में काॅफी पीने आए थे और इसकी पहली घूंट से ही वो इसके दीवाने हो गए थे. ब्रांड को आगे बढ़ाने में उन्होंने काफी अहम भूमिका निभाई. वह चार दशक तक कंपनी के सीईओ और चेयरमैन रहें. साल 2018 में वह कंपनी से रिटायर हुए.
इस कंपनी ने किया था स्टारबक्स का टेक ओवर
Starbucks को आगे बढ़ाने के लिए हॉवर्ड शुल्ट्ज़ नए एक्सपेरिमेंट कर रहे थे. उन्होंने Espresso कॉफी के साथ यह प्रयोग किया, जो लोगों को पसंद भी आया, लेकिन कंपनी के मूल फाउंडर इस चीज से खुश नहीं थे. वो चाहते थे कि कंपनी अरेबिक कॉफी बीन्स बेचे. आखिरकार हॉवर्ड शुल्ट्ज़ ने 1985 में स्टारबक्स छोड़ दिया. उन्होंने Giornale नाम से एक नई कंपनी खोली. यहां वो अपने ब्रांड की कॉफी और एक्सप्रेसो, स्टारबक्स के काॅफी बीन्स से बनाते थे. हॉवर्ड और चीफ कॉफी खरीदार डेव ओल्सन ने और Giornale स्टोर खोले थे. मार्च 1987 में उनके पास स्टारबक्स से दोबारा जुड़ने का मौका मिला. स्टारबक्स के संस्थापक कंपनी का नाम, रोस्टिंग प्लांट और छह सिएटल स्टोर बेचने के लिए तैयार हो गए. उन्हें रुपयों की जरूरत थी. लिहाजा Giornale ने स्टारबक्स को खरीद लिया.
भूरे से कैसे बना हरे रंग का लोगो
Starbucks Siren यानी इसका लोगो काफी पॉपुलर है, लेकिन क्या आपको पता है पहले इसकी डिजाइन ऐसी नहीं थी. 1971 में टेरी हेकलर ने इसे डिज़ाइन किया था. ओरिजनल लोगो में कंपनी का नाम “स्टारबक्स कॉफ़ी, चाय और मसाले” लिखा हुआ था, जिसमें साथ में एक व्यक्ति की फोटो थी. तब यह लोगो भूरे रंग का था. मगर 1987 में Giornale के स्टारबक्स का अधिग्रहण करने के बाद टेरी ने एक नया डिज़ाइन बनाया जिसमें हरे रंग का इस्तेमाल किया गया.