कहीं एक लाख तो कहीं 99000, जानें दिल्ली से चेन्नई तक क्यों अलग होते हैं सोने के रेट, शहरों में चलता है ये फैक्टर
भारत में सोने की कीमत कई कारणों पर निर्भर करती है, जैसे कि परिवहन खर्च, सोने की मांग, स्थानीय ज्वैलर्स एसोसिएशन की भूमिका. इसके अलावा आर्थिक अनिश्चितता, महंगाई और ब्याज दरें भी सोने की कीमत को प्रभावित करती हैं. जानिए कैसे ये सभी फैक्टर भारत में अलग-अलग राज्यों में सोने के रेट को तय करते हैं.
Gold Rate in India: देश में इस समय शादियों का सीजन चल रहा है. इस दौरान सोने की कीमत में तेजी देखी जा रही है. सोमवार को तो इसने लखनऊ और पटना जैसे शहरों में रिकॉर्ड 100000 रुपये प्रति दस ग्राम के दाम को छू लिया. हालांकि राजधानी दिल्ली में इसकी कीमत 99,800 रुपये के करीब थी. अक्सर आपने ध्यान दिया होगा कि अलग-अलग शहरों में सोने की कीमत अलग-अलग रहती है. जैसे कि अगर आज मंगलवार की बात की जाए तो दिल्ली में 24 कैरेट सोने का भाव 98,510 रुपये प्रति दस ग्राम है, तो वहीं चेन्नई में 98,360 रुपये प्रति दस ग्राम है. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है कि अलग-अलग शहरों में इसकी कीमत में भिन्नता क्यों रहती है? तो आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है.
बल्क में खरीदने का मिलता है फायदा
GROWW के मुताबिक, कीमतों को तय करने में इसकी मांग एक अहम कारण होती है. कई बड़े शहरों जैसे कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में इसकी मांग ज्यादा होती है. इसके कारण व्यापारी इसे बड़े स्तर पर खरीदते हैं और ज्यादा छूट पाते हैं. इसके कारण यहां पर सोने की कीमत अन्य शहरों की तुलना में कम होती है.
ट्रांसपोर्ट पर होने वाला खर्च
क्योंकि देश में सोना ज्यादातर बाहर से इंपोर्ट किया जाता है और इसे ज्यादातर हवाई जहाज से मंगाया जाता है और फिर देश के अलग-अलग शहरों में भेजा जाता है, तो इसका खर्च अलग-अलग हो जाता है. इसमें ट्रांसपोर्टेशन के अलावा सुरक्षा पर अच्छी-खासी रकम खर्च होती है. इसके चलते इसकी कीमतें भी प्रभावित होती हैं. जिस शहर या राज्य में सोना पहुंचाने में जितना खर्च होता है, उसका दाम उतना ही ज्यादा होगा.
ये भी पढ़ें- Gold Price: आज सोने ने दी राहत, कल के रिकॉर्ड के बाद 1100 रुपये सस्ता; जानें आज का रेट
खरीदते समय इसकी कीमत
कीमतों को तय करने में इसकी खरीद कीमत अहम होती है. इसका मतलब यह है कि अगर सोना खरीदते समय इसकी कीमत सस्ती होगी तो व्यापारी इसे सस्ते में बेचेगा और अगर महंगी होगी तो महंगे में बेचेगा. देश में सोने पर 10 प्रतिशत का इंपोर्ट टैरिफ लगाया जाता है और इसके अलावा 3 प्रतिशत GST भी लगाया जाता है. यह भी देश में कीमतें बढ़ा देते हैं.
ज्वैलर्स एसोसिएशन की भूमिका
हर शहर में सोने के व्यापारियों का अपना संगठन होता है. कीमतों को तय करने में इनकी भी बड़ी भूमिका होती है. उदाहरण के तौर पर अगर चेन्नई में सोने की कीमत तय करने में The Jewellers and Diamond Traders’ Association अहम भूमिका निभाता है. ऐसे कई संगठन देश के विभिन्न शहरों में हैं.
देश की आर्थिक स्थिति
अगर देश की आर्थिक स्थिति सही है तो सोने की कीमत ऊपर दिए गए कारणों से प्रभावित होती है. लेकिन अगर देश के अंदर अस्थिर आर्थिक स्थिति होगी तो निवेशक सोने में निवेश को ज्यादा सुरक्षित मानते हैं. इस कारण इसकी कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखने को मिलती है.