रेपो रेट पर फैसले से पहले इन फैक्टर्स पर MPC की होगी नजर, क्या इस बार भी नहीं मिलेगी राहत?

यूस फेड ने 50 बेसिस प्वाइंट (BPS) की कटौती की है, इसके बाद से ही उम्मीद लगाई जा रही है कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी अगामी बैठक में रेट की कटौती पर फैसला ले सकती है. MPC में शामिल हुए तीन नए सदस्य भी इस बार की बैठक में भाग लेंगे.

रेपो रेट में कटौती का इंतजार. Image Credit: Sonu Mehta/HT via Getty Images

रेपो रेट में कटौती होगी या नहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) 9 अक्टूबर, 2024 को इसपर अपने फैसले का ऐलान करेगी. यूस फेड ने 50 बेसिस प्वाइंट (BPS) की कटौती की है, इसके बाद से ही उम्मीद लगाई जा रही है कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी अगामी बैठक में रेट की कटौती पर फैसला ले सकती है. बता दें कि यूस फेड द्वारा रेट में कटौती के बाद यह पहली बैठक है. MPC ने अप्रैल 2023 से बेंचमार्क रेट को 6.50 फीसदी पर बरकरार रखा था. MPC में शामिल हुए तीन नए सदस्य भी इस बार की बैठक में भाग लेंगे.

महंगाई दर

उपभोक्ता मुद्रास्फीति अगस्त 2024 में साल-दर-साल (YoY) 3.65 फीसदी बढ़ी है, जुलाई में यह 3.54 फीसदी पर थी. फूड मंहगाई दर अगस्त 2024 में 5.66 फीसदी रही. माना जा रहा है कि सितंबर 2024 में उपभोक्ता मुद्रास्फीति फिर से बढ़ सकती है. हालांकि, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स आरबीआई के पूर्वानुमान के अनुसार 4.4 फीसदी से कम रहने की उम्मीद है.

रियल जीडीपी ग्रोथ दर

वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रियल जीडीपी ग्रोथ दर घटकर 6.7 फीसदी रह गई, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में यह 8.2 फीसदी थी. वहीं वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में वास्तविक जीवीए में 6.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में यह 8.30 फीसदी थी. रिपोर्ट की मानें तो यह गिरावट आम चुनावों के कारण पहली तिमाही में कम सरकारी खर्च के कारण हो सकती है. इसके अलावा, मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) अगस्त 2024 में 57.5 की तुलना में 56.5 (आठ महीने का निचला स्तर) पर रहा.

रेट में कटौती का दौर

दुनिया के कई देशों में रेट में कटौती का दौर शुरू हो गया है. यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) ने जून 2024 के बाद से दूसरी बार अपनी जमा दर में कटौती की है. बैंक ऑफ कनाडा (BoC) ने सितंबर 2024 में तीसरी बार अपनी बेंचमार्क दर में कटौती की है. अमेरिका ने सितंबर 2024 में 50 बीपीएस की कटौती की और इंडोनेशिया में भी सितंबर 2024 में 25 बीपीएस की दर कटौती हुई है.

इन फैक्टर्स पर MPC की नजर

कुल मिलाकर, कम सरकारी कैपिटल एक्सपेंडिचर, स्लो ग्रोथ रेट, औसत से अधिक बारिश और ग्लोबल फूड महंगाई दर में नरमी, MPC की बैठक के प्रमुख बिंदु होंगे, जिनपर विचार किया जा सकता और फिर रेट में कटौती का फैसला लिया जा सकता है.

हालांकि, मिडिल ईस्ट में उथल-पुथल के माहौल के कारण ग्लोबल लेवल पर निश्चितता बढ़ रही है, जिससे सप्लाई चेन प्रभावित हो सकती है. अगर ऐसा होता है, तो एक फिर से तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिलेगी. इसलिए एक्सपर्ट्स का मानना है कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी एक बार फिर से ब्याज दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रख सकती है. रेपो रेट में कटौती दिसंबर से देखने को मिल सकती है.