Working Hours: इन 200 कंपनियों के कर्मचारियों की हुई मौज, 4 दिन काम और 3 दिन आराम
अधिक घंटे काम करने को लेकर विवाद तब छिड़ा, जब इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने देश की प्रगति के लिए युवाओं को 70 घंटे काम करने का सुझाव दिया. वहीं, एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने 90 घंटे के वर्किंग वीक की वकालत की, जिसकी कड़ी आलोचना हुई.
भारत में हर हफ्ते 70 से 90 घंटे काम करने को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. लेकिन ब्रिटेक की 5000 से ज़्यादा कर्मचारियों वाली लगभग 200 कंपनियों ने हफ्ते में केवल 4 दिन काम कराने का फैसला किया है. यानी इन कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी हफ्ते में 4 दिन ऑफिस में काम और तीन दिन अपने घर पर आराम करेंगे. खास बात यह है कि इन कंपनियों ने ‘4 डे वर्किंग वीक’ कंपेन पर साइन भी कर दिए हैं.
द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, 4 डे वीक फाउंडेशन ने इस कंपेन की अगुआई की है, जिसमें चैरिटी, मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी फर्म सहित कई सेक्टर की कंपनियों ने हिस्सा लिया है. फाउंडेशन कंपेन के डायरेक्टर, जो राइल ने कहा है कि ‘5 डे वर्किंग वीक’ कल्चर 100 साल पुराना हो गया है. मौजूदा वक्त में यह वर्क कल्चर उतना रेलीवेंट नहीं है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ‘4 डे वर्किंग वीक’ कर्मचारियों को ज्यादा खुशहाली, संतुष्टी और आजादी देगा.
4 डे वर्किंग वीक कल्चर
जो राइल का कहना है कि सैकड़ों ब्रिटिश कंपनियां और एक लोकल काउंसिल पहले से ही ‘4 डे वर्किंग वीक’ कल्चर पर सहमत हैं. इनका कहना है कि सैलरी में बिना कटौती किए ‘4 डे वर्किंग वीक’ कल्चर से कर्मचारियों के साथ-साथ कंपनियों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है.
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ये कंपनियां हैं शामिल
‘4 डे वर्किंग वीक’ पर सहमती जताने वालों में कंस्ट्रक्शन, इंजीनियरिंग एंड मैन्युफेक्चरिंग, क्रिएटिव आर्ट्स एंड डिजाइन, इंटरटेनमेंट, रिक्रूटमेंट एंड एचआर और अकाउंटेंसी-बैंकिंग एंड फाइनेंस सहित कई कंपनियां शामिल हैं. ‘4 डे वर्किंग वीक’ सपोटर का कहना है कि स्मॉल वर्किंग वीक से कर्चारियों के प्रोडक्टिविटी में सुधार आएगा. वे पहले के मुकाबले बेहतर परफोर्मेंस कर पाएंगे.
क्या है लोगों का मानना
स्पार्क मार्केट रिसर्च द्वारा किए गए शोध से पता चला है कि यूके के 18 से 34 साल की उम्र के लगभग 78 फीसदी लोगों का मानना है कि आने वाले पांच वर्षों में ‘4 डे वर्किंग वीक’ आदर्श बन जाएगा. हालांकि, अमेज़ॅन और जेपी मॉर्गन चेस जैसी कंपनियां अपने कर्मचारियों को सप्ताह में पांच दिन व्यक्तिगत रूप से काम करने के लिए बाध्य करती रही हैं.
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