दिसंबर में बढ़ी थोक महंगाई, प्याज, आलू से लेकर फलों तक की कीमतों में इजाफा
होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) नवंबर 2024 के 1.89 फीसदी से बढ़कर दिसंबर में 2.37 फीसदी पर पहुंच गया. दिसंबर 2024 में खुदरा महंगाई दर 5.22 फीसदी रही है. फूड प्रोडक्ट्स की कीमतों में तेजी के चलते थोक महंगाई बढ़ी है.
दिसंबर में भारत की थोक महंगाई दर में इजाफा हुआ है. होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) नवंबर 2024 के 1.89 फीसदी से बढ़कर दिसंबर में 2.37 फीसदी पर पहुंच गया. WPI थोक स्तर पर वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को ट्रैक करता है. अक्टूबर महीने में यह 2.36 फीसदी पर थी. दिसंबर में प्याज, आलू, अंडे मांस-मछली और फलों की थोक में कीमतों में इजाफा हुआ है.
क्यों बढ़ी थोक महंगाई?
कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मंत्रालय के अनुसार, थोक महंगाई दर में इजाफे के पीछे मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, फूड प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चरर्स, कपड़ा मैन्युफैक्चर और गैर-खाद्य वस्तुओं आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण हुआ है. दिसंबर 2023 के दौरान WPI मुद्रास्फीति 0.73 प्रतिशत थी.
सब्जियों की महंगाई दर
आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति दिसंबर 2024 में थोड़ी कम होकर 8.47 प्रतिशत हो गई, जो पिछले महीने 8.63 फीसदी पर थी. सब्जियों की महंगाई दर 28.65 फीसदी रही, जो नवंबर के 28.57 फीसदी से थोड़ी अधिक है. आलू की महंगाई दर 93.20 फीसदी के हाई लेवल पर बनी रही. जबकि प्याज की महंगाई दर दिसंबर में बढ़कर 16.81 फीसदी हो गई. दिसंबर के दौरान अनाज, दालें और गेहूं जैसी कुछ खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में कमी देखी गई.
रिटेल महंगाई में गिरावट
दिसंबर 2024 में खुदरा महंगाई दर 5.22 फीसदी रही. नवंबर में खुदरा महंगाई दर 5.48 फीसदी पर थी. इस आधार पर दिसंबर में रिटेल महंगाई में मामूली गिरावट आई है. खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में आई नरमी के चलते खुदरा महंगाई दर में गिरावट आई है. कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स (CFPI) बेस्ड खाद्य महंगाई दर घटकर 8.39 फीसदी पर आ गई़. नवंबर में यह 9.05 फीसदी पर थी.
केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय ने पिछले सप्ताह मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ग्रॉस डोमोस्टिग प्रोडक्ट (GDP) के लिए पहला अनुमान जारी किया था. जिसमें कहा गया था कि वास्तविक जीडीपी में 6.4 फीसदी की वृद्धि देखने को मिल सकती है.