अलीगढ़ में बड़े जमीन घोटाले का खुलासा, प्‍लॉट खरीदारों के 600 करोड़ रुपये फंसे; एक्‍शन में यीडा

जांच पूरी होने के बाद घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा हो सकता है. कहा जा रहा है कि इस घोटाले में कई प्रॉपर्टी कारोबारी और रीयल एस्टेट से जुड़ी बड़ी कंपनियों के नाम उजागर हो सकते हैं. वैसे भी यीडा ने यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बसे 90 गांवों में आवासीय प्लाटिंग पर रोक लगा रखी है.

यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे जमीन घोटाला. Image Credit: tv9

अलीगढ़ में बहुत बड़ा जमीन घोटाला का मामला सामने आया है. यहां के टप्पल इलाके में यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे खेती योग्य जमीन को आवासीय बताकर बेच दिया गया. जबकि, यमुना विकास प्राधिकरण (यीडा) ने इस इलाके के 90 गांवों में आवासीय प्लॉटिंग पर रोक लगा रखी है. इसके बावजूद भी खेती की जमीन पर कॉलोनियों के नाम पर प्लॉट काटकर बेच दिया गया. इस मामले के सामने आने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया.

कहा जा रहा है कि यीडा द्वारा टप्पल इलाके में आवासीय प्लॉटिंग पर रोक लगाए जाने के बाद भी कुछ ही सालों के अंदर करीब 500 प्लॉट काट कर बेच दिए गए. इन प्लॉट्स को करीब 1000 लोगों ने 600 करोड़ रुपये में खरीदा है. वहीं, इस मामले के उजागर होते ही यीडा के अधिकारी एक्शन में आ गए हैं. 12 जनवरी को अधिकारियों ने कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई की और एक दर्जन लैपटॉप जब्त किए. इससे प्लॉट के खरीदारों में बेचैनी हो गई है.

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हो सकता है बड़ा खुलासा

अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल जब्त किए गए लैपटॉप की जांच चल रही है. जांच पूरी होने के बाद घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा हो सकता है. कहा जा रहा है कि इस घोटाले में कई प्रॉपर्टी कारोबारी और रीयल एस्टेट से जुड़ी बड़ी कंपनियों के नाम उजागर हो सकते हैं. वहीं, चांच में खुलासा हुआ है कि दिल्ली सहित के कई शहरों के लोगों ने यहां पर प्लॉट खरीदे हैं.

90 गांवों में आवासीय प्लॉटिंग पर रोक

यीडा ने मास्टर प्लान फेज 2 में टप्पल इलाके को भी शामिल किया है. सरकार टप्पल और मथुरा के बाजना क्षेत्र में अर्बन सेंटर और लॉजिस्टिक हब बनाना चाहती है. इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. साथ ही जमीन का अधिग्रहण भी किया जा रहा है. लेकिन यीडा ने यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बसे 90 गांवों में आवासीय प्लाटिंग पर रोक लगा रखी है. इसके बावजूद भी सर्किल रेट से पांच गुना ज्यादा कीमतों पर करीब 500 प्लॉट काट कर बेच दिए गए.

इतने में बेची गई जमीन

अभी टप्पल क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे खेती की जमीन का सर्किल रेट 4300 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर है. लेकिन कॉलोनाइजरों ने 25,000 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर तक के रेट पर प्लॉट काटकर बेचा है. कॉलोनाइजर पिछले कई साल से इस अवैध बिजनेस में लगे हुए थे. लेकिन यीडा के अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी. अब जब मामले का खुलासा होने पर यीडा ने कार्रवाई शुरू की है, तो खरीदारों में खलबली मच गई है. उन्हें लग रहा है कि उनका पैसा फंस गया. हालांकि, टप्पल की जमीन को लेकर यीडा योजना लेकर आएगी. तब जमीन खरीदने वाले प्लॉट बेचेंगे तो उन्हें उस समय के सर्किल रेट के अनुसार ही कीमत मिलेगी.

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