कितना कमाती है Zepto, फायदे में है या घाटे में
क्विक डिलीवरी स्टार्टअप Zepto ने FY 2024 में ऑपरेशनल रिवेन्यू में दोगुनी बढ़ोतरी दर्ज की, लेकिन ₹1,248 करोड़ का घाटा स्थिर रहा. खर्च 65% बढ़कर ₹5,747 करोड़ हुआ. जानकारी के अनुसार कंपनी, 2025 में IPO लानें की योजना बना रही है.
क्विक डिलीवरी स्टार्टअप Zepto ने FY 2024 में अपने ऑपरेशनल रिवेन्यू में दोगुने से ज्यादा बढ़ोतरी दर्ज की है. क्विक डिलीवरी सेंगमेंट में बढ़ती कंपटीशन के बीच कंपनी के इस प्रदर्शन को एक्सपर्ट अच्छा मान रहे हैं. यूनिकार्न क्लब में शामलि होने के बाद कंपनी का यह पहला साल था. कंपनी के इस साल के प्रदर्शन को देखें तो जहां एक तरफ कंपनी का घाटा स्थिर रहा वहीं इसके खर्चें में बढ़ोतरी देखी गई है.
घाटा स्थिर पर खर्चों में बढ़ोतरी
बिजनेस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म Tofler के रिपोर्ट के अनुसार कंपनी का घाटा ₹1,248 करोड़ पर स्थिर रहा. जो कि पिछले साल के ₹1,272 करोड़ के घाटे से थोड़ा कम है. हालांकि, कंपनी के कुल खर्चों में 65% की बढ़ोतरी हुई, और अब यह ₹5,747 करोड़ तक पहुंच गया है.
यूनिकॉर्न क्लब में शामिल
क्विक सेंगमेंट में काम करने वाली कंपनी इस सेंगमेंट में पहली कंपनी थी जिसनें यूनिकॉर्न क्लाब में जगह बनाई. कंपनी नें अगस्त 2023 में StepStone Group के नेतृत्व में सीरीज ई फंडिंग राउंड में $200 मिलियन जुटाए थे इसके बाद कंपनी की टोटल वैल्यूवेशन बढ़ कर के$1.4 बिलियन हो गया.
इंवेंट्री मॉडल पर काम
Zepto का बिजनेस मॉडल Instamart और Blinkit से अलग है. Zepto अपने प्लेटफॉर्म पर इन्वेंट्री रखता है, जबकि अन्य कंपनियां मार्केटप्लेस मॉडल पर काम करती हैं. इसलिए Zepto का लगभग 81-82% राजस्व उसके GOV (Gross Order Value) से आता है.
2025 में आएगा IPO
2021 में शुरु हुई Zepto अपना आईपीओ लाने का प्लान कर रही है. उम्मीद की जा रही है कि कंपनी 2025 में अपना आइपीओ ला सकती है. कंपनी के सीइओ आदित पालिचा का कहना है कि कंपनी जल्द ही बिक्री के माममें में 3 बिलियन डॉलर के आंकडो को छू लेगी.
डार्क स्टोर्स से मुनाफा
Zepto के 300 डार्क स्टोर्स में तेजी से मुनाफे में आ रहे हैं. नई कैटेगरी जोड़कर कंपनी अपनी कमाई बढ़ा रही है. Zepto मार्च 2025 तक अपने डार्क स्टोर्स की संख्या 700 तक पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है.
Flipkart और BigBasket से मुकाबला
जेप्टो की सफलता ने Flipkart और BigBasket जैसी दिग्गज कंपनियों को क्विक डिलीवरी के बाजार में उतरने के लिए मजबूर कर दिया है. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का क्विक-कॉमर्स बाजार 2023 में $2.8 बिलियन GMV तक पहुंच गया, जो कि ई-कॉमर्स बाजार का 5% है. वहीं HSBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, Blinkit भारत के क्विक-कॉमर्स मार्केट में 40% की हिस्सेदारी रखता है. जबकि जेप्टो ने पिछले दो वर्षों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 28% कर ली है.