Zomato पर पेमेंट नहीं देने का आरोप, इस कंपनी ने NCLT में दायर की दिवालियापन की याचिका

Zomato: दिवालियापन याचिका पर पहले अक्टूबर 2024 में सुनवाई हुई थी. जोमैटो ने 2023 में राइडर यूनिफॉर्म, ट्राउजर और विश्व कप जर्सी के लिए कई ऑर्डर दिए थे, जिसके पेमेंट उसे नहीं मिले. हालांकि, जोमैटो ने दावे को खारिज कर दिया है.

जोमैटो के खिलाफ NCLT पहुंची यह कंपनी. Image Credit: Getty image

Zomato: फूड डिलीवरी दिग्गज कंपनी जोमैटो को यूनिफॉर्म सप्लायर नोना लाइफस्टाइल की दायर एक दिवालियापन याचिका का सामना करना पड़ रहा है. याचिका में दावा किया गया है कि कंपनी 1.64 करोड़ रुपये की बकाया राशि का भुगतान करने में असफल रही है. सोमवार 17 मार्च को बार एंड बेंच ने इस बात की जानकारी दी. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) द्वारा सुने गए मामले को 3 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है, क्योंकि ट्रिब्यूनल ने याचिकाकर्ता से अपने अगले कदमों को स्पष्ट करने का आग्रह किया है.

पेमेंट नहीं करने का आरोप

रिपोर्ट के अनुसार, परिधान बनाने वाली नोना लाइफस्टाइल ने NCLT से संपर्क कर जोमैटो के खिलाफ कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) शुरू करने की मांग की थी, जिसमें आईसीसी विश्व कप 2023 के सामान सहित अपने डिलीवरी पार्टनर को सप्लाई की गए यूनिफॉर्म और अन्य परिधानों के लिए कथित रूप से भुगतान न करने पर आरोप लगाया गया था.

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क्या है पूरा मामला?

नोना लाइफस्टाइल के अनुसार, जोमैटो ने 2023 में राइडर यूनिफॉर्म, ट्राउजर और विश्व कप जर्सी के लिए कई ऑर्डर दिए. जबकि सप्लायर का दावा है कि उसने ऑर्डर की गई वस्तुओं के एक हिस्से को मैन्युफैक्चर और डिलीवर करके अपने कॉन्ट्रैक्ट की जिम्मेदारी को पूरा किया है. उसका यह आरोप है कि जोमैटो ने पेमेंट में देरी की, स्टोरेज की समस्या का हवाला देते हुए डिलीवरी स्वीकार करने से इनकार कर दिया और यहां तक ​​कि कंपनी पर छूट देने के लिए दबाव बनाने के लिए ‘धमकियों और चेतावनियों’ का इस्तेमाल किया.

इसके अतिरिक्त नोना लाइफस्टाइल ने तर्क दिया कि जोमैटो ने ‘असफल’ अभियान का हवाला देते हुए विश्व कप की शेष जर्सी की डिलीवरी लेने से इनकार कर दिया था. जबकि जर्सी कस्टम-मेड थी और अन्य उपयोग के लिए मुफीद नहीं थी.

जोमैटो ने दावों का खंडन किया

हालांकि जोमैटो ने इन आरोपों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि नोना लाइफस्टाइल लगातार सहमत डिलीवरी डेडलाइन को पूरा करने में विफल रही, जिसके कारण उनके कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार जुर्माना लगाया गया. फूड एग्रीगेटर ने दावा किया कि देरी के कारण प्रतिष्ठा और साख को काफी नुकसान पहुंचा है. उसने केवल उन जर्सियों के लिए भुगतान किया जो डिलीवर की गई थीं. जुर्माना काटने और एडवांस राशि को एडजस्ट करके पेमेंट किया गया था.

अक्टूबर में हुई थी सुनवाई

दिवालियापन याचिका पर पहले अक्टूबर 2024 में सुनवाई हुई थी, लेकिन नवंबर में गैर-अभियोजन पक्ष के कारण इसे खारिज कर दिया गया था. बाद में नोना लाइफस्टाइल ने इसे बहाल करने के लिए याचिका दायर की. हाल ही में हुई सुनवाई के दौरान, नोना लाइफस्टाइल की वकील तनु सिंघल ने NCLT को सूचित किया कि वह शेड्यूल में गड़बड़ी के कारण पिछली कार्यवाही में शामिल नहीं हो पाई थी. हालांकि, जोमैटो के वकील अभिषेक आनंद ने याचिका को बहाल करने का कड़ा विरोध किया और तर्क दिया कि बकाया राशि को लेकर चल रहे विवाद के कारण याचिका को बनाए रखना संभव नहीं है.