UP में रेलवे के विकास पर खर्च होंगे 19858 करोड़ रुपये, लागू होगा कवच सुरक्षा सिस्टम
उत्तर प्रदेश में सुरक्षा के लिहाज से कवच सुरक्षा प्रणाली को 4,800 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क पर लागू किया जा रहा है, जिसके छह साल में पूरी तरह से तैनात होने की उम्मीद है. वहीं, मॉडर्नाइजेशन अभियान के तहत राज्य 157 स्टेशनों को अमृत स्टेशनों के रूप में विकसित कर रहा है.
UP Railway Allotment: केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश में रेलवे कनेक्टिविटी को मजबूत और मॉडर्न बनाने के लिए जमकर पैसा खर्च कर रही है. केंद्र सरकार ने यूपी में रेलवे के विकास को लेकर फाइनेंशियल ईयर 2025-26 के लिए 19,858 करोड़ रुपये का आवंटन किया है. खास बात यह है कि यह आंवटन यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंसन (2009-2014) की अवधि की तुलना में 18 गुना अधिक है. केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इस आवंटन से उत्तर प्रदेश में रेलवे कनेक्टिविटी पहले से बेहतर होगी और यात्री आराम से सफर कर पाएंगे.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 10 साल के दौरान उत्तर प्रदेश ने 5,200 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का निर्माण किया गया है, जो स्विट्जरलैंड और बेल्जियम जैसे देशों के कुल रेल नेटवर्क को पार कर गया है. यह राज्य भर में कनेक्टिविटी बढ़ाने और रेलवे सिस्टम की एफिशिएंसी में सुधार करने के बहुत बड़े प्रयास का हिस्सा है. सरकार अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उत्तर प्रदेश में डबल-लाइन का विस्तार कर रही है. इसके अलावा तीसरी-लाइन परियोजना और स्टेशनों के अपग्रेड सहित कई परियोजनाओं पर भी काम किया जा रहा है. इन परियोजनाओं के ऊपर सरकार 1.04 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर रही है.
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157 स्टेशनों को किया जाएगा विकसित
मॉडर्नाइजेशन अभियान के तहत राज्य 157 स्टेशनों को अमृत स्टेशनों के रूप में विकसित कर रहा है. इसके अलावा 14 वंदे भारत ट्रेनें वर्तमान में उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में सेवा प्रदान कर रही हैं, जो 25 स्टेशनों पर रुकती हैं. राज्य में चलने वाली दरभंगा-आनंद विहार अमृत भारत एक्सप्रेस 10 स्टेशनों पर रुकती है. यानी यह उत्तर प्रदेश में रेलवे सेवाओं को बेहतर बनाने और यात्रियों के लिए सुविधाजनक यात्रा के अनुभव प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
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4,800 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क
सुरक्षा के लिहाज से कवच सुरक्षा सिस्टम को उत्तर प्रदेश के 4,800 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क पर लागू किया जा रहा है, जिसके छह साल में पूरी तरह से तैनात होने की उम्मीद है. गोरखपुर जंक्शन का पुनर्विकास भी चल रहा है और इसके अगले तीन साल में पूरा होने की उम्मीद है. ये प्रयास राज्य में रेलवे अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एक बड़े योजना का हिस्सा हैं, जिसमें स्पीड, सुरक्षा और आधुनिक बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. यह उत्तर प्रदेश में रेलवे सेवाओं को सुरक्षित, तेज और सुविधाजनक बनाने में मदद करेगा.