प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण: 2024-25 में अब तक 39.82 लाख घरों को मिली मंजूरी
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत घरों का निर्माण जारी है और सरकार की कोशिश है कि इस योजना का अधिक से अधिक लाभ जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचे.
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत 2024-25 में 84.37 लाख घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक 39.82 लाख घरों को मंजूरी दी जा चुकी है. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य बेघर और कच्चे मकानों में रहने वाले परिवारों को स्थायी और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराना है. राज्यसभा में शुक्रवार को पेश एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय के जरिए इस योजना को तेजी से लागू कर रही है ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद परिवारों को जल्द से जल्द पक्के मकान मुहैया कराए जा सकें. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने यह जानकारी शुक्रवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी.
18 राज्यों में घरों के निर्माण का लक्ष्य
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री चंद्र शेखर पेम्मासानी ने अपने जवाब में बताया कि इस वित्तीय वर्ष में 18 राज्यों में 84,37,139 घरों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इन राज्यों में असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक शामिल हैं.
सरकार ने हाल ही में 46,56,765 घरों का लक्ष्य नौ राज्यों – असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु और कर्नाटक को आवंटित किया है. इन राज्यों में बड़ी संख्या में लाभार्थी मौजूद हैं, जिन्हें जल्द से जल्द पक्के घर उपलब्ध कराने की दिशा में काम किया जा रहा है.
अब तक कितने घरों को मिली मंजूरी?
मंत्रालय के अनुसार, 2 फरवरी 2025 तक कुल 39,82,764 घरों को मंजूरी दी जा चुकी है. इसका मतलब है कि इस योजना के तहत लगभग 47 फीसदी लक्ष्य को पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है और आने वाले महीनों में इस आंकड़े में और वृद्धि होने की उम्मीद है.
सरकार का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में हर परिवार को पक्का घर उपलब्ध कराना है. इसी उद्देश्य से, केंद्रीय कैबिनेट ने 2024-25 से 2028-29 तक PMAY-G के तहत दो करोड़ अतिरिक्त घरों के निर्माण को मंजूरी दी है. इस फैसले से देश के ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में गरीब परिवारों को लाभ मिलेगा और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा.