भारत का सबसे गरीब विधायक, जिसके पास हैं सिर्फ 1700 रुपये, सबसे अमीर के पास इतने हजार करोड़

MLA Assets: ADR की रिपोर्ट भारत के विधायकों की संपत्ति के बारे में बताती है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आंध्र प्रदेश के विधायक सबसे अमीर हैं, जबकि त्रिपुरा के विधायक सबसे गरीब हैं. रिपोर्ट विधायकों के बीच वित्तीय स्थिति में भारी अंतर को उजागर करती है.

विधायकों की संपत्ति. Image Credit: Freepik

MLA Assets: विधायकों की लाखों और करोड़ों की संपत्ति होना आमतौर पर सामान्य बात है. लेकिन किसी विधायक के पास जब 10 हजार रुपये भी नहीं हों, तो ये जानकर जरूर हैरानी होगी. एडीआर की एक हालिया रिपोर्ट में भारत के विधायकों के बीच संपत्ति में भारी अंतर का खुलासा हुआ है. आंध्र प्रदेश में सबसे अमीर विधायक हैं.

सबसे अमीर और गरीब विधायक

मुंबई से बीजेपी विधायक के पराग शाह 3,383 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ लिस्ट में सबसे ऊपर हैं, जबकि पश्चिम बंगाल के निर्मल कुमार धारा के पास 1,700 रुपये की संपत्ति है. 4,092 हलफनामों पर आधारित इस रिपोर्ट में कर्नाटक और आंध्र प्रदेश को अमीर विधायकों के केंद्र के रूप में दर्शाया गया है. कांग्रेस के डीके शिवकुमार 1,413 करोड़ रुपये के साथ शाह से पीछे हैं और आंध्र प्रदेश के कई विधायक टॉप-10 में शामिल हैं.

किस राज्य में सबसे अमीर विधायक?

हाल ही में आई एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आंध्र प्रदेश में सबसे अमीर विधायक हैं, जबकि कर्नाटक में देश भर में सबसे ज्यादा अरबपति विधायक हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के विधायक सबसे गरीब हैं. आंध्र प्रदेश में प्रति विधायक औसत संपत्ति लगभग 65.07 करोड़ रुपये है, जो भारत के सभी 28 राज्यों के विधायकों में सबसे ज्यादा है. आंध्र प्रदेश के बाद कर्नाटक का स्थान है, जहां विधायकों की औसत संपत्ति 63.58 करोड़ रुपये है, जबकि महाराष्ट्र में यह 43.44 करोड़ रुपये है.

विधायकों की कुल संपत्ति

सभी विधायकों की कुल संपत्ति 73,348 करोड़ रुपये है, जो कई पूर्वोत्तर राज्यों के ज्वाइंट बजट से भी अधिक है. रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा विधायकों के पास राजनीतिक दलों के बीच सबसे अधिक संपत्ति है. यह रिपोर्ट भारत के राजनीतिक परिदृश्य में व्यापक आर्थिक विविधता को दर्शाती है, जो प्रतिनिधित्व और संसाधन वितरण के बारे में सवाल उठाती है.

आपराधिक मामले

भारत के विधानसभा सदस्यों में से 45 फीसदी – 4,092 में से 1,861 – ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. इनमें से 1,205 विधायकों (29 प्रतिशत) पर गंभीर आरोप हैं, जिनमें हिंसक अपराध और महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामले शामिल हैं.

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