अब पायलट बनना हुआ आसान, आर्ट्स और कॉमर्स के छात्रों के लिए भी खुलेंगे रास्ते; DGCA लेने जा रहा ये बड़ा फैसला

भारत में जल्द ही 12वीं पास आर्ट्स और कॉमर्स छात्र भी कमर्शियल पायलट बन सकेंगे. डीजीसीए एक बड़ा बदलाव लाने की तैयारी में है. अभी तक कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए 12वीं में फिजिक्स और मैथ्स विषय अनिवार्य हैं. लेकिन अब इसे हटाने पर विचार हो रहा है.

अब पायलट बनना हुआ आसान Image Credit: Money 9

How you can become a pilot: 12वीं पास आर्ट्स और कॉमर्स छात्रों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है. भारत में जल्द ही 12वीं पास आर्ट्स और कॉमर्स छात्र भी कमर्शियल पायलट बन सकेंगे. डीजीसीए एक बड़ा बदलाव लाने की तैयारी में है. अभी तक कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए 12वीं में फिजिक्स और मैथ्स विषय अनिवार्य हैं. लेकिन अब इसे हटाने पर विचार हो रहा है.

फिलहाल ये हैं नियम

फिलहाल भारत में केवल साइंस और मैथ्स के छात्र ही इस क्षेत्र में जा सकते थे. इससे पहले 10वीं पास ही सीपीएल के लिए काफी था. डीजीसीए के इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के बाद इसे DGCA को भेजा जाएगा. मंजूरी मिलने पर सभी स्ट्रीम के मेडिकली फिट छात्र सीपीएल प्रशिक्षण ले सकेंगे.

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आर्ट्स और कॉमर्स के छात्रों के लिए बनता है बाधा

TOI से बात करते हुए वरिष्ठ पायलट कैप्टन शक्ति लुंबा ने कहा कि भारत के अलावा किसी भी देश में 12वीं में फिजिक्स और मैथ्स की शर्त नहीं है. उनका कहना है कि 12वीं के फिजिक्स और मैथ्स की जानकारी पायलटों के लिए जरूरी नहीं है. जूनियर कक्षाओं में पढ़े गए इन विषयों का ज्ञान ही काफी है. यह नियम आर्ट्स और कॉमर्स के छात्रों के लिए बाधा बनता है. कई छात्रों को सीपीएल के लिए ओपन स्कूल से फिजिक्स और मैथ्स की 12वीं की परीक्षा देनी पड़ती है.

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बेवजह है यह नियम

फ्लाइंग स्कूल संचालकों का भी मानना है कि यह नियम बेवजह है. उनका कहना है कि अगर कोई अमीर व्यक्ति निजी पायलट लाइसेंस (पीपीएल) लेना चाहता है तो फिजिक्स और मैथ्स की जरूरत नहीं पड़ती. नागर विमानन मंत्रालय भारत में पायलट प्रशिक्षण को आसान बनाने और बढ़ते विमानन उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई कदम उठा रहा है.  इसके पहले 90 के दशक में कमर्शियल पायलट बनने के लिए 10 वीं पास डिग्री की जरूरत पड़ती थी. हालांकि अभी भी प्राइवेट पायलट लाइसेंस के लिए 10 वीं पास डिग्री न्यूनतम योग्यता है.