Budget 2025: सरकारी कर्मचारियों को बजट में मिले ये बड़े फायदे
इस बार के बजट में कौशल विकास, भर्ती प्रक्रियाओं और प्रशासनिक दक्षता पर विशेष ध्यान दिया गया है. मिशन कर्मयोगी और अन्य प्रशिक्षण योजनाओं के जरिए सरकारी कर्मचारियों को आधुनिक ज्ञान और विशेषज्ञता दी जाएगी, जिससे सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और सुशासन को बढ़ावा मिलेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में प्रशासनिक सुधार और सरकारी कर्मचारियों के ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान दिया है. बजट में कार्मिक मंत्रालय (Department of Personnel & Training) के लिए 334.45 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसका इस्तेमाल सरकारी अधिकारियों को भारत और विदेश में ट्रेनिंग देने के लिए किया जाएगा. इस कदम का मुख्य उद्देश्य सरकारी तंत्र को ज्यादा बेहतरीन, डिजिटल और प्रभावी बनाना है.
ट्रेनिंग योजनाओं के लिए बजट का आवंटन
बजट में कुल 334.45 करोड़ रुपये में से 105.99 करोड़ रुपये प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों जैसे कि संविधान प्रशिक्षण प्रभाग (Training Division), इंस्टीट्यूट ऑफ सेक्रेटेरिएट ट्रेनिंग एंड मैनेजमेंट (ISTM), नई दिल्ली और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA), मसूरी के स्थापना-संबंधी खर्चों के लिए निर्धारित किए गए हैं.
इसके अलावा 118.46 करोड़ रुपये विभिन्न प्रशिक्षण योजनाओं के लिए आवंटित किए गए हैं. साथ ही, 110 करोड़ रुपये “राष्ट्रीय सिविल सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम” (Mission Karmayogi) के लिए निर्धारित किए गए हैं. इस योजना से सरकार देश के नौकरशाही तंत्र को ज्यादा प्रोफेशनल और आधुनिक बनाने की कोशिश में है.
मिशन कर्मयोगी भारत में अब तक का सबसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार कार्यक्रम माना जा रहा है. इसका उद्देश्य सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को रचनात्मक, सक्रिय, पेशेवर और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना है.
इस योजना के तहत:
- अधिकारियों के लिए फाउंडेशन कोर्स, रिफ्रेशर कोर्स और मध्य-आजीवन विकास कार्यक्रम (mid-career development courses) संचालित किए जाएंगे.
- कर्मचारियों को भारत और विदेशों में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा.
- प्रशिक्षण संस्थानों के लिए आधुनिकीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार पर भी निवेश किया जाएगा.
प्रशिक्षण ढांचे और RTI जागरूकता को बढ़ावा
सरकार ने 118.46 करोड़ रुपये का बजट “ट्रेनिंग फॉर ऑल” (Training for All) और विदेशी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए आवंटित किया है. इसके अतिरिक्त, LBSNAA और ISTM जैसी संस्थाओं के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए भी फंडिंग की गई है.
RTI अधिनियम की जागरूकता बढ़ाने के लिए 3 करोड़ रुपये अलग से निर्धारित किए गए हैं जिससे पारदर्शिता और सुशासन को और अधिक मजबूती मिलेगी.
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CAT और SSC के बजट में बदलाव
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (Central Administrative Tribunal – CAT) को 164.62 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है. इस राशि का इस्तेमाल CAT की विभिन्न बेंचों के लिए नई भूमि खरीदने और भवन निर्माण के लिए किया जाएगा, जिससे न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी लाई जा सके. CAT सरकारी कर्मचारियों की सेवा संबंधी शिकायतों और विवादों का निपटारा करता है.
सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग (SSC) के लिए 515.15 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष के 584.92 करोड़ रुपये की तुलना में कम है. SSC केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है और इसकी कार्यक्षमता को बनाए रखने के लिए यह बजट निर्धारित किया गया है.