Budget 2025: पेट्रोल-डीजल-घर करें सस्ता, चीन से सस्ते आयात पर लगे रोक, इंडस्ट्री ने वित्त मंत्री से की ये डिमांड

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बैठक में सस्ती आवास योजनाओं, रियल एस्टेट सेक्टर, ग्रामीण खपत, और रोजगार आधारित क्षेत्रों को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया. महंगाई नियंत्रण, MSMEs के लिए क्रेडिट सुविधा, और चीन के डंपिंग उत्पादों पर रोक के सुझाव दिए गए.

बजट 2025 में क्या होगा सरकार की प्रावरिटी. Image Credit:

1 फरवरी को पेश होने वाले बजट से पहले, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को वित्तीय क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ चर्चा की. बैठक में अलग-अलग क्षेत्रों के एक्सपर्ट ने सुझाव दिए. इन सुझावों में बचत बढ़ाने, पूंजी बाजार सुधारने और हरित वित्त (ग्रीन फाइनेंस) को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया. आइए, चर्चा के मुख्य बिंदुओं पर नजर डालते हैं.

सस्ती आवास योजनाएं प्राथमिकता पर

डेवलपर्स ने मांग की कि हाउसिंग लोन पर ब्याज कटौती की सीमा बढ़ाई जाए. सस्ते और मध्यम आय वर्ग के घरों को बढ़ावा देने के लिए Section 80C के लाभों का विस्तार किया जाए और ब्याज दरों में कटौती की जाए.

रियल एस्टेट सेक्टर की मांग

2024 में रियल एस्टेट क्षेत्र में 4% की गिरावट देखी गई. $300 बिलियन के इस सेक्टर को राहत देने के लिए सहायता की उम्मीद की जा रही है. बढ़ती कीमतें और ऊंची ब्याज दरों ने इस सेक्टर में परेशानियां बढ़ा दी है.

महंगाई का समाधान

महंगाई को नियंत्रित करने और MSMEs के लिए क्रेडिट सुविधा बढ़ाने पर जोर दिया गया. इसके साथ ही, GST और TDS प्रक्रियाओं को आसान बनाने और जलवायु परिवर्तन से फूड सिक्योरिटी पर पड़ने वाले प्रभाव को रोकने की सिफारिश की गई.

चीन से सस्ते उत्पादों पर रोक

स्थानीय उद्योगों को चीन द्वारा सस्ते उत्पादों के डंपिंग से नुकसान हो रहा है. घरेलू उद्योगों की सुरक्षा के लिए सरकार से सुरक्षात्मक कदम उठाने की मांग की गई.

ग्रामीण खपत और फूड सिक्योरिटी को बढ़ावा

ग्रामीण क्षेत्रों में खपत बढ़ाने के लिए, MGNREGS की दैनिक मजदूरी ₹267 से ₹375 करने और PM-KISAN योजना के तहत सालाना ₹6,000 से ₹8,000 तक की बढ़ोतरी का सुझाव दिया गया.

रोजगार आधारित क्षेत्रों का सपोर्ट

जूते, पर्यटन, और MSMEs जैसे रोजगार पैदा करने वाली क्षेत्रों को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई. यह भारत को वैश्विक बाजार में मजबूत स्थिति दिलाने के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ा सकते हैं.

ईंधन प्रोडक्शन शुल्क में कटौती

पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाने का सुझाव दिया गया. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को देखते हुए, यह कदम महंगाई कम करने और लोवर इनकम कैटेगरी के लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने में मददगार हो सकता है.