दिवाली से पहले केंद्र सरकार ने दिया राज्यों को बड़ा तोहफा, लौटाए टैक्स के 1.78 लाख करोड़ रुपये

केंद्र सरकार ने आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए राज्य सरकारों को बड़ा तोहफा दिया है. केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके हिस्से का टैक्स वापस किया है. केंद्र ने 1.78 लाख करोड़ रुपये रिलीज किए हैं.

केंद्र सरकार का राज्यों को तोहफा Image Credit: GettyImages

केंद्र सरकार ने आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए राज्य सरकारों को बड़ा तोहफा दिया है. केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके हिस्से का टैक्स लौटाया है. सरकार ने उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों के लिए 1.78 लाख करोड़ रुपये रिलीज किए हैं. गुरुवार को वित्त मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी गई. इसमें सभी राज्यों को अलग- अलग रकम दी गई है.

केंद्र सरकार अपने टैक्स डिवॉल्यूशन प्रोग्राम के तहत राज्यों को ये पैसा भेज रही है. दरअसल केंद्र सरकार के पास कई तरह के टैक्स का पैसा आता है जिसमें राज्यों का अपना हिस्सा होता है जैसे जीएसटी. इसी पैसों को यानी राज्यों का हिस्सा सरकार उन्हें लौटाती है. इस त्योहारी सीजन में केंद्र सरकार ने उसी पैसे को लौटाया है.

राज्यों को अलग-अलग मिले हैं पैसे

केंद्र सरकार राज्यों के द्वारा दिए गए टैक्स को ही लौटा रही है. ऐसे में यह बात तय है कि जो राज्य जितना टैक्स भरता है. उसे उस हिसाब से पैसे मिले हैं. सरकार ने सबसे ज्यादा पैसे उत्तर प्रदेश को दिए हैं. उत्तर प्रदेश को 31,962 करोड़ रुपये मिले हैं. बिहार को 17,921 करोड़ रुपये हैं. वहीं, वित्त मंत्रालय ने बंगाल और मध्य प्रदेश के लिए 13,987 और 13,404 करोड़ रुपये जारी किए हैं.

पूर्वोत्तर के राज्यों को भी मिला है फंड

केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर के राज्यों को भी फंड वितरित किया है. सरकार ने मेघालय, त्रिपुरा और मणिपुर को फंड दिए हैं. केंद्र ने मेघालय को 1,367 करोड़ रुपये ,त्रिपुरा को 1,261 करोड़ रुपये और मणिपुर को 1,276 करोड़ रुपये रुपये जारी किए हैं. इसके अलावा आंध्र और तमिलनाडु को भी फंड मिले हैं.

किस लिए जारी हुए हैं पैसे

वित्त मंत्रालय की ओर से बयान जारी कर के कहा गया कि अभी इसलिए जारी किए गए हैं कि आने वाले त्योहारों की तैयारी करने में राज्य सरकारों को मुश्किलों का सामना न करना पड़े. उन्हें विकास कार्यों में फंड की कमी न हो. इसके अलावा केंद्र सरकार का यह मकसद है कि राज्य सरकारें इन पैसों को राज्य में पब्लिक सुविधाएं बेहतर करने और लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने की योजनाओं पर खर्च करे.