CNG की कीमतें बढ़ाने के पक्ष में कंपनियां, सरकार ने मांगी रिपोर्ट; आम जनता के पॉकेट पर पड़ेगा असर

कंपनियां महंगी गैस खरीदने और उपभोक्ताओं को गैस आपूर्ति बनाए रखने के लिए वैकल्पिक कदम उठा रही हैं. हालांकि, इसका असर सीएनजी की कीमतों पर पड़ेगा, जो आम जनता के लिए बड़ा मुद्दा बन सकता है....

CNG की कीमते बढ़ानें के पक्ष में कंपनियां Image Credit: TV9 Bharatvarsh

देशभर में CNG की कीमतों में इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है. इंड्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL), महानगर गैस लिमिटेड (MGL) और अडानी टोटल गैस लिमिटेड जैसी कंपनियां सस्ती इनपुट गैस की आपूर्ति में एक महीने में दूसरी बार कटौती की वजह से CNG लागत बढ़ाने पर विचार कर रही हैं.

हालांकि, सरकारी अधिकारी कंपनियों से गैस कीमतों का ब्रेकअप मांगे बिना बढ़ोतरी को उचित ठहराने पर सवाल उठा रहे हैं. पीटीआई के रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी अधिकारियों का कहना है कि खुदरा विक्रेताओं की वृद्धि को उचित ठहराने के लिए लागत का ब्योरा देना होगा.

सस्ती गैस आपूर्ति में कटौती

16 नवंबर से सरकार ने पुराने गैस क्षेत्रों से मिलने वाली कम कीमत वाली प्राकृतिक गैस की आपूर्ति 20 प्रतिशत तक घटा दी. इससे पहले 16 अक्टूबर को भी 21 प्रतिशत कटौती की गई थी. इसका सीधा असर सीएनजी की लागत पर पड़ा है.
सरकारी अधिकारियों का मानना है कि सीएनजी कंपनियां उच्च मुनाफे पर काम करती हैं और यह लागत आसानी से झेल सकती हैं. उदाहरण के लिए, IGL ने वित्त वर्ष 2023-24 में ₹16,000 करोड़ की आय पर ₹1,748 करोड़ का मुनाफा कमाया जो 11 प्रतिशत का मार्जिन दर्शाता है. इसी तरह, MGL का मुनाफा ₹1,300 करोड़ रहा जबकि आय ₹7,000 करोड़ थी.

CNG कीमतों पर प्रभाव

कंपनियां अब महंगी गैस खरीदने के लिए मजबूर हैं. नए कुओं से निकलने वाली गैस की कीमत करीब 2 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू अधिक है जिससे सीएनजी की कीमतों में ₹4-6 प्रति किलोग्राम तक बढ़ोतरी हो सकती है.

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सरकार और कंपनियों का पक्ष

IGL ने बताया कि नई कटौती से उनकी प्रॉफिट पर बुरा असर पड़ेगा. वहीं, अडानी टोटल गैस ने 13 प्रतिशत गैस कटौती की जानकारी देते हुए कहा कि वे कीमतें बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. MGL ने भी बताया कि घरेलू प्राकृतिक गैस की आपूर्ति में 18 प्रतिशत की गिरावट से उनकी लागत बढ़ी है.

सरकार का कहना है कि कंपनियां सस्ती गैस चाहती हैं तो उन्हें सीएनजी की कीमतों का स्पष्ट ब्रेकअप देना होगा. अधिकारियों ने कंपनियों के उच्च मुनाफे का हवाला देते हुए कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी को सही ठहराने से पहले पारदर्शिता जरूरी है.

गैस आपूर्ति में गिरावट

पुराने गैस क्षेत्रों से प्राकृतिक गैस का उत्पादन हर साल लगभग 5 प्रतिशत गिर रहा है. मई 2023 में सीएनजी मांग का 90 प्रतिशत घरेलू गैस से पूरा हो रहा था, जो अब घटकर 50.75 प्रतिशत रह गया है.