मोबाइल टावर लगाने के नाम पर कर रहे थे धोखाधड़ी, दिल्ली पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने एक गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो मोबाइल टावर लगाने के नाम पर लोगों से उनकी संपत्तियों पर भारी रजिस्ट्रेशन शुल्क लेकर धोखाधड़ी करते थे. आरोपी सरफराज और मुन्ना सिंह फर्जी वेबसाइट संचालित करते थे और पीड़ितों को भ्रामक ऑनलाइन विज्ञापन दिखाकर उन्हें यह विश्वास दिलाते थे कि वे असली दूरसंचार कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं.

सांकेतिक तस्वीर Image Credit: TV9

दिल्ली पुलिस ने मोबाइल टावर लगाने के नाम पर लोगों से उनकी संपत्तियों पर भारी रजिस्ट्रेशन शुल्क लेकर धोखाधड़ी करने के आरोप में एक गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घोटालेबाज सरफराज और मुन्ना सिंह फर्जी वेबसाइट संचालित करते थे और पीड़ितों को यह विश्वास दिलाने के लिए भ्रामक ऑनलाइन विज्ञापन चलाते थे कि वे असली दूरसंचार कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं.

IT कंपनी में काम करता था ठग

पुलिस ने बताया कि बिहार के एक विश्वविद्यालय से स्नातक सरफराज साइबर धोखाधड़ी में आने से पहले एक कुशल फ्रीलांस वेबसाइट डेवलपर था. अन्य आरोपी मुन्ना सिंह ने बीसीए किया है और वह पहले नोएडा और गुरुग्राम में आईटी कंपनियों में काम करता था, लेकिन बाद में उसने लोगों को ऑनलाइन ठगना शुरू कर दिया.

पुलिस उपायुक्त (बाहरी दिल्ली) निधिन वलसन ने कहा, ‘धोखाधड़ी करने वाले लोग फर्जी वेबसाइट बनाकर और ऑनलाइन भ्रामक विज्ञापन चलाकर एक रैकेट चलाते थे. पीड़ितों को यह विश्वास था कि वे टेलीकॉम कंपनियों से सौदा कर रहे हैं, इसलिए उनसे पंजीकरण शुल्क का भुगतान करने को कहा गया. भुगतान हो जाने के बाद सभी संचार बंद हो गए.’

पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘निगरानी के बाद टीम दिल्ली के समालखा में सरफराज तक पहुंची. उसे 21 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया गया. आगे की जांच में दिल्ली के महावीर एन्क्लेव से मुन्ना सिंह की गिरफ्तारी हुई. सिंह पीड़ितों को लुभाने वाले ऑनलाइन विज्ञापन चलाने के लिए जिम्मेदार था.’

उन्होंने बताया कि पुलिस ने दो मोबाइल फोन और चार लैपटॉप बरामद किए हैं, जबकि घोटाले से जुड़ी 50 से अधिक वेबसाइट का पता चला है. उन्होंने बताया कि आगे की जांच जारी है.