दिल्ली से कश्मीर तक चलेंगी 5 ट्रेनें, स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी सिक्योरिटी, हीटर रखेगा गर्म
कश्मीर की वादियों में घूमने का प्लान करने वालों के लिए जानकारी काम की है. पांच ट्रेनें ऐसी शुरू होने जा रही है जो कश्मीर से कनेक्टिविटी बढ़ाएगी. दिल्ली से कश्मीर तक ये ट्रेनें आपको पहुंचाएंगी. इन ट्रेनों में कई खासियतें भी होंगी, जैसे हीटर, अधिक सुरक्षा, यहां जानें सब कुछ...
भारतीय रेलवे का नेटवर्क समय के साथ बढ़ता चला गया है. अब रेलवे ने ऐसी योजनाओं पर काम किया जो कश्मीर को देश के कई हिस्सों से जोड़ने का काम करेगा. जी हां, रेलवे अब पांच ऐसी ट्रेनें चलाएगा, जो हिमालय से होते हुए कश्मीर क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगी. इस प्रोजेक्ट पर पिछले तीस साल से काम चल रहा था जो अब पूरा हो गया है. दिल्ली से कश्मीर जाने के लिए पांच ट्रेनें तो तैयार है साथ ही ठंड के हिसाब से और सुरक्षा को सुनिश्चित करने का काम भी किया गया है.
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कश्मीर जाने वाली सभी पांच ट्रेनें स्लीपर एसी होंगी और इनमें कोच के अंदर हीटर की सुविधा होगी, क्योंकि इस रूट का कुछ हिस्सा बर्फ से ढका हुआ रहेगा. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, इन ट्रेनों में कड़े सुरक्षा जांच प्रावधान भी होंगे.
कब शुरू होंगी ये ट्रेनें?
अधिकारी ने बताया कि इन पांच रेक्स का निर्माण पूरा हो चुका है और ये संचालन के लिए तैयार हैं. इन्हें अगले साल के पहले महीने में शुरू किया जा सकता है, लेकिन सभी ट्रेनें एक साथ नहीं चलेंगी. हर ट्रेन में 22 कोच होंगे. फिलहाल, दिल्ली से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चलाने की कोई योजना नहीं है. हालांकि, वंदे भारत ट्रेन (8 कोच वाली), जो चेयर कार सीटिंग के साथ होगी, कटरा से बारामूला (लगभग 250 किमी) तक चलेगी. यह ट्रेन उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना (USBRL) के तहत होगी.
बर्फ और सुरक्षा का रखा जाएगा ध्यान
अधिकारी ने बताया कि कोच के पहियों और इंजन के सामने के शीशे को इस तरह डिजाइन किया गया है कि उन पर बर्फ जमा न हो. कोच में ऑनबोर्ड हीटिंग सिस्टम भी रहेगा, जिससे जमा हुई बर्फ को पिघलाया जा सके.
सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है. ट्रेनों को दोनों प्लेटफॉर्म से निकलने से पहले सैनिटाइज किया जाएगा. श्रीनगर जाने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी विशेष सुरक्षा जांच से गुजरना होगा. इन ट्रेनों में सामान्य ट्रेनों की तुलना में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) के अधिक जवान तैनात रहेंगे.
हालांकि, इन ट्रेनों को शुरू करने का निर्णय रेलवे सुरक्षा आयोग (CRS) की मंजूरी पर निर्भर करेगा. USBRL परियोजना के 272 किमी लंबे उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक के कटरा से रियासी (17 किमी) हिस्से का काम अभी चल रहा है और CRS द्वारा साइट का निरीक्षण बाकी है.
प्रोजेक्ट की लागत 37,500 करोड़
बता दें इस प्रोजेक्ट को 1994-95 में मंजूरी मिली थी. लेकिन पिछले 25 सालों में भूस्खलन और बाकी समस्याओं के कारण यह प्रोजेक्ट लटका रहा. इसकी लागत अब बढ़कर 37,500 करोड़ रुपये हो गई है. इस लाइन पर 359 मीटर ऊंचा चिनाब पुल है, जो एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है.
प्रोजेक्ट के पहले तीन चरण 2014 तक ही पूरे हो गए थे, और कश्मीर घाटी में बारामूला से बनिहाल और जम्मू क्षेत्र में जम्मू, उधमपुर और कटरा के बीच ट्रेनें चल रही हैं.
कटरा-बनिहाल का 111 किमी लंबा हिस्सा सबसे कठिन था, क्योंकि इसमें गहरी खाइयों और नदी का सिस्टम खतरनाक और जटिल था. इस हिस्से के 48 किमी को फरवरी 2024 में शुरू किया गया और 46 किमी (संगलदान से रियासी) को जुलाई 2024 में CRS से मंजूरी मिली. यदि CRS कटरा-रियासी खंड को मंजूरी देता है, तो भारतीय रेलवे इन ट्रेन सेवाओं को शुरू करेगा.
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कश्मीर से कन्याकुमारी तक चलेगी ट्रेन
इस लाइन के खुलने के साथ ही सरकार कश्मीर से कन्याकुमारी तक ट्रेन चलाने की योजना बना रही है, जिससे भारत के उत्तर से दक्षिण को जोड़ा जा सके. रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में लोकसभा में कहा, “कश्मीर से कन्याकुमारी को जोड़ने वाला प्रोजेक्ट अब तैयार है और इस रूट पर अगले चार महीनों में ट्रेनें शुरू हो जाएंगी. यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी.”