तो इसलिए बढ़ गए अमीरों के तलाक, सीनियर वकील ने खोल दिया राज

एक्टर आर माधवन के साथ हाल ही में हुए एक पॉडकास्ट में AR रहमान और सायरा बानू के तलाक के मामले को देख रहीं फेमस तलाक वकील वंदना शाह ने उन चीजों के बारे में बताया, जो अक्सर शादी में तनाव और लंबे कानूनी विवादों का कारण बनते हैं. इनमें शादी से पहले का कर्ज, संपत्तियां, बचत की कमी और अन्य मुद्दे शामिल हैं.

फाइनेंस, इंवेस्टमेंट भी कई बार तलाक का कारण बनते हैं. Image Credit: Freepik

शादी के बाद तलाक की बड़ी वजह चीटिंग हो सकती है या घरेलू हिंसा. लेकिन ये मामले काफी बड़े है. छोटे मोटे मुद्दे जैसे पैसों को लेकर भी लड़ाई इतनी बढ़ जाती है कि कपल तलाक तक पहुंच जाते हैं. यहां पैसों से मतलब फाइनेंस, इंवेस्टमेंट है. यह भी कई बार तलाक का कारण बनते हैं. एक पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान फेमस डायवोर्स वकील वंदना शाह ने इन कारणों पर जोर दिया है और बताया है कि कैसे अमीर लोगों में तलाक की एक बड़ी वजह इंवेस्टमेंट बन जाती है.

शादी के टूटने की स्थिति में, कपल के लिए सबसे बड़ी चुनौती संपत्तियों का बंटवारा होती है. लेकिन तलाक का सोचने से पहले, यह सलाह दी जाती है कि कपल मिलकर अपनी शादी के दौरान संपत्तियों में निवेश करें और उन्हें बढ़ाएं. ऐसा करने से न केवल रिश्ते में स्थिरता आती है, बल्कि दोनों पार्टनर्स और उनके बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित रहता है.

AR रहमान और सायरा बानू के तलाक के मामले को देख रहीं फेमस वकील वंदना शाह का कहना है कि “शादी के दौरान संपत्तियां, निवेश की जानकारी छुपाना कई बार विवाद का सबसे बड़ा कारण बनता है.”

एक्टर आर माधवन के साथ हाल ही में हुए उनके पॉडकास्ट में वंदना शाह ने उन चीजों के बारे में बताया, जो अक्सर शादी में तनाव और लंबे कानूनी विवादों का कारण बनते हैं. इनमें शादी से पहले का कर्ज, संपत्तियां, बचत की कमी और अन्य मुद्दे शामिल हैं. उन्होंने बताया कि हमारे समाज में तलाक को लेकर बदलते नजरिए के साथ-साथ ब्रेकअप के बाद जीवन में नया उद्देश्य और उम्मीद खोजने के तरीकों पर भी चर्चा होनी चाहिए.

कपल के अधिकार

संपत्तियों और शादी में कपल के अधिकारों पर बात करते हुए शाह ने कहा, “मैं अभी एक ऐसा मामला देख रही हूं, जहां पति ने अपनी पत्नी को यह नहीं बताया कि उसके नाम पर कोई संपत्ति नहीं है. फ्लैट उसके पिता के नाम पर हैं, निवेश और म्यूचुअल फंड उसकी मां के नाम पर हैं, और बचत भी उसकी मां के नाम पर है. वह हर महीने लगभग 15 लाख रुपये कमाता है. हमने पाया कि उसकी SIP में हर महीने लगभग 11 लाख रुपये जाते हैं, जिससे उसके पास केवल 4 लाख ही बचते हैं. मेरी क्लाइंट यानी उसकी पत्नी, मुझसे सलाह लेने आई थी और अब वह उसे छोड़ने के बारे में सोच रही है. यह समझना जरूरी है कि ये वास्तविक समस्याएं हैं.”

क्या है ऐसी स्थितियों से बचने का उपाय?

जब उनसे पूछा गया कि क्या ऐसी स्थितियों से बचा जा सकता है, तो शाह ने जवाब दिया, “शादी के बाद संपत्तियों और सैलरी के बारे में पारदर्शिता होना एक स्वस्थ रिश्ते के लिए बहुत जरूरी है. यह भी जरूरी है कि दोनों पार्टनर अपनी संपत्तियों और देनदारियों (लाइबिलिटीज) के बारे में खुलकर बात करें. यह बातचीत जरूर होनी चाहिए.”

शादी से पहले के कर्ज के बारे में शाह ने साफ कहा, “शादी से पहले लिया गया कर्ज उसी के पास रहना चाहिए मतलब इसे कपल के बीच नहीं बांटना चाहिए. हालांकि, होम लोन अलग मामला है. होम लोन में आप अपनी पत्नी को शामिल कर सकते हैं. वह जॉइंट सिग्नेचरी और घर की जॉइंट मालिक बन सकती हैं. यह व्यवस्था उचित है.”

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जॉइंट अकाउंट और पर्सनल इंवेस्टमेंट के बीच संतुलन जरूरी

शाह ने सुझाव दिया कि, “शादी के 4-5 साल बाद, जब आपको लगे कि आपका रिश्ता स्थिर है और दोनों की नौकरी सुरक्षित है, तब आप जॉइंट अकाउंट खोलने पर विचार कर सकते हैं. इस खाते में दोनों अपनी सैलरी का एक हिस्सा भविष्य के लिए बचा सकते हैं. लेकिन मैं कभी भी सभी अकाउंट को मर्ज करने की सलाह नहीं दूंगी. चार से पांच साल का समय बच्चों की योजना बनाने के लिए काफी है. धीरे-धीरे, शादी के 10 साल बाद, आप अपनी संपत्तियों का 50% साझा कर सकते हैं, लेकिन अपनी पर्सनल बचत भी बनाए रखें.”

उन्होंने यह भी कहा कि कपल, खासकर महिलाएं, अपने नाम पर एक थर्ड अकाउंट जरूर रखें ताकि वे अलग होने या तलाक लेने का फैसला करें, तो उनके पास अपनी बचत हो.