सरकार की नई योजना से युवाओं को रोजगार में मिलेंगे बंपर फायदे, जानें कैसे उठाएं लाभ
श्रम मंत्रालय ने अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन, विश्व बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड, यूएनडीपी के साथ भी बैठक की थी. यह बैठकें इसलिए हुईं ताकी योजनाओं के दिशानिर्देशों को विकसित करने में मदद मिल सके.
बजट में घोषित हुई नई रोजगार योजनाओं को लेकर श्रम मंत्रालय रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं (ELI) के बारे में कई स्टेकहोल्डर्स के साथ अपनी चर्चा में तेजी ला रहा है. मंत्रालय का लक्ष्य है कि नवंबर के अंत तक दिशानिर्देश तय कर दिए जाएं और तीनों योजनाओं की घोषणा की जाए. यह जानकारी फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से दी है.
सूत्रों ने बताया कि पहले इन तीनों योजनाओं को जारी करने की समय सीमा दिसंबर के अंत में रखी गई थी लेकिन अब इससे एक महीने पहले जारी होने की संभावना बढ़ गई है.
अब तक इसे लेकर श्रम मंत्रालय ने 15 बैठकें कर ली हैं. यह बैठकें इंडस्ट्री के प्रतिनिधि, नियोक्ताओं, कर्मचारी संगठनों, मंत्रालयों, राज्यों के अधिकारियों, एंप्लॉयमेंट प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन और कई अकेडमिक और रिसर्च इंस्टिट्यूट के साथ हो चुकी है.
यही नहीं हाल ही में श्रम मंत्रालय ने अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन, विश्व बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड, यूएनडीपी के साथ भी बैठक की थी. यह बैठकें इसलिए हुईं ताकी योजनाओं के दिशानिर्देशों को विकसित करने में मदद मिल सके, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि योजनाओं को सरलता से लागू किया जाएगा. यह ज्यादा पैचिदा नहीं होनी चाहिए.
वहीं ये अंतरराष्ट्रीय संगठन इसी दूसरे देशों में लागू इसी तरह की योजनाओं से जुड़ा डेटा साझा करेंगे ताकी भारत की मदद हो सके.
क्या हैं रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं (ELI)
इस साल पेश हुए बजट में रोजगार से जुड़ी तीन योजनाओं की घोषणा की गई थी.
स्कीम ए: इस स्कीम के तहत फॉर्मल सेक्टर में पहली बार नौकरी करने वाले सभी युवाओं को एक महीने का वेतन मिलेगा जो भी EPFO में रजिस्टर होंगे. रकम 15 हजार रुपये होगी जिसे 3 किस्तों में दिया जाएगा.
स्कीम बी: इस स्कीम से मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार को बढ़ावा दिया जाएगा. फ्रेशर्स को नौकरी देने वाली कंपनियों को फायदा मिलेगा. नौकरी के पहले 4 साल में कर्मचारी और कंपनी दोनों मिलकर जो EPFO में जमा करते हैं तो उस फंड की रकम दी जाएगी.
स्कीम सी: यह योजना नौकरी देने वालों के लिए लाई गई. जिस भी सेक्टर में अतिरिक्त रोजगार दिया जाएगा, जिसमें 1 लाख रुपये प्रति माह वेतन तक के रोजगार गिने जाएंगे उन्हें सरकार हर अतिरिक्त कर्मचारी के ईपीएफओ योगदान के लिए कंपनी को 2 साल तक 3,000 रुपये प्रति माह तक देगी.