फाइनेंस मिनिस्‍ट्री में AI बैन, कर्मचारी नहीं कर सकेंगे ChatGPT, DeepSeek का इस्‍तेमाल

भारत सरकार की फाइनेंस मिनिस्ट्री ने AI टूल्स को लेकर अपने वर्करों को बड़ा आदेश दिया है. मंत्रालय ने कहा है कि कर्मचारी सरकारी कंप्यूटरों और डिवाइस में ChatGPT, DeepSeek जैसे AI टूल्स का इस्तेमाल करने से बचें.

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वित्‍त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को सरकारी कंप्यूटरों और डिवाइसेज में ChatGPT, DeepSeek जैसे AI टूल्स और ऐप्स इस्तेमाल न करने का सख्त आदेश दिया है. मंत्रालय का कहना है कि ये टूल्स सरकारी डेटा और दस्तावेजों की सिक्योरिटी के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं.

वित्त मंत्रालय का यह फैसला ऐसे वक्त आया है, जब ऑस्ट्रेलिया और इटली ने भी DeepSeek को अपने सरकारी सिस्टम से दूर रखने का आदेश दिया. DeepSeek का नया AI मॉडल केवल 6 मिलियन डॉलर की लागत में तैयार हुआ है, जो दूसरे AI मॉडल्स की तुलना में काफी सस्ता है.

सभी डिपार्टमेंट को जारी किया निर्देश

वित्‍त मंत्रालय ने अपने सभी डिपार्टमेंट्स को नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि AI टूल्स और ऐप्स सरकारी डेटा की गोपनीयता के लिए खतरा बन सकते हैं. इसलिए, ऑफिस के कंप्यूटरों और डिवाइसेज में इनका इस्तेमाल पूरी तरह से बंद किया जाए.

भारत दौरे पर ChatGPT CEO

गौर करने वाली बात यह है कि OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन, जिन्होंने AI चैटबॉट ChatGPT को डेवलप किया है, भारत के दौरे पर हैं. वह भारत के बड़े सरकारी अधिकारियों और उद्योग जगत के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. इन दिनों OpenAI के ChatGPT और चीन की DeepSeek के लेटेस्ट AI मॉडल को लेकर काफी चर्चा हो रही है. DeepSeek ने कम लागत के कारण दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींचा है. इसका नया R1 मॉडल, ChatGPT जैसे बड़े AI मॉडलों की तुलना में बहुत कम कंप्यूटिंग पावर का उपयोग करता है.

भारत बना रहा खुद का AI टूल

हाल ही में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऐलान किया था कि OpenAI के ChatGPT और चीन के DeepSeek की तर्ज पर भारत भी अपना जनरेटिव AI मॉडल लॉन्च करेगा. उन्होंने बताया कि भारत खुद का लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) तैयार कर रहा है, जो अगले 10 महीनों में लॉन्च होगा. उन्होंने ने यह भी कहा कि इस प्रोजेक्ट का पूरा फ्रेमवर्क तैयार हो चुका है और यह भारतीय संस्कृति और संदर्भ (context) को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया जा रहा है.

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