बिहार से होकर गुजरेगा 417 KM लंबा एक्सप्रेसवे, इन 8 जिलों में आसमान छूने लगेगी जमीन की कीमत!

गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी एक्सप्रेसवे की लंबाई 568.42 किलोमीटर होगी और यह बिहार के 8 जिलों से होकर गुजरेगा. इस एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बागमती, गंडक, और कोसी नदी पर पुलों का निर्माण भी किया जाएगा.

इससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. Image Credit: @tv9

Gorakhpur-Siliguri Expressway: बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए खुशखबरी है. केंद्र सरकार से गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी एक्सप्रेसवे को मंजूरी मिल गई है. इस एक्सप्रेसवे के बनने से दोनों राज्यों में कई जिलों की जमीन की कीमत आसमान छूने लगेगी. इससे किसानों की कमाई में बढ़ोतरी होगी और रोजगार भी पैदा होंगे. खास बात यह है कि इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद बिहार से गोरखपुर जाना काफी आसान हो जाएगा. इससे समय की भी बचत होगी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी एक्सप्रेसवे की लंबाई 568.42 किलोमीटर होगी और यह बिहार के 8 जिलों से होकर गुजरेगा. इससे सीतामढ़ी, सुपौल, पश्चिनी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, मधुबनी, अररिया और किशनगंज जिले में जमीन के रेट में बहुत अधिक बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. साथ ही एक्सप्रेसवे बनने से इन जिलों में बिजनेस और व्यापार के अवसर भी पढ़ेंगे.

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निर्माण पर 37,500 करोड़ रुपये होंगे खर्च

इस एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए बागमती, गंडक, और कोसी नदी पर पुलों का निर्माण भी किया जाएगा. इससे बारिश के मौसम में भी स्थानीय लोगों के लिए आवागमन आसन हो जाएगा. खास बात यह है कि गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 37,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस एक्सप्रेसवे का 417.15 किलोमीटर हिस्सा बिहार से होकर गुजरेगा. यानी इससे सबसे ज्यादा बिहार को फायदा होने वाला है.

इतनी स्पीड से दौड़ेंगी गाड़ियां

गोरखपुर-सिल्लीगुड़ी एक्सप्रेसवे के लिए 100 मीटर चौड़ी जमीन का अधिग्रहण होगा. क्योंकि 6 लेन वाले एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा. इसके ऊपर 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गाड़ियां दौर सकेंगी. इससे बिहार से उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जाना आसान हो जाएगा. साथ ही लोगों का समय भी बचेगा.

बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

कहा जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे को इस तरह से बनाया जाएगा कि इसमें कोई मोड़ न हो. इससे एक्सीडेंट की संभावना न के बराबर रहेगी. वहीं, एक्सपर्ट का कहना है कि यह एक्सप्रेसवे बिहार के लिए गम चेंजर साबित हो सकता है. इससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

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