कोचीन शिपयार्ड में हिस्सेदारी बेचेगी सरकार, निवेशकों को मिलेगा सुनहरा मौका
सरकार ने एक प्रमुख सरकारी कंपनी में हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया है. इस कंपनी के शेयर की कीमत और पिछले कुछ समय में हुए मुनाफे पर निवेशकों की नजरें टिकी हैं.
नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार (15 अक्टूबर) को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में अपनी 5% हिस्सेदारी बेचने की योजना की घोषणा की है.इस हिस्सेदारी को बेचने के लिए सरकार ऑफर फॉर सेल (OFS) लेकर आ रही है. इसके तहत प्रति शेयर की न्यूनतम कीमत ₹1,540 तय की गई है.
इस ऑफर में 2.5% हिस्सेदारी की बेस पेशकश होगी और अतिरिक्त 2.5% हिस्सा ग्रीन शू विकल्प के रूप में उपलब्ध होगा.यह बिक्री 16 अक्टूबर से गैर-रिटेल निवेशकों के लिए और 17 अक्टूबर से रिटेल निवेशकों के लिए खुलेगी.
सरकार की हिस्सेदारी और कंपनी का प्रदर्शन
30 सितंबर तक सरकार के पास कोचीन शिपयार्ड में 72.86% हिस्सेदारी थी. कंपनी ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (30 जून 2024 तक) में शानदार प्रदर्शन किया है.इस तिमाही में कोचीन शिपयार्ड का प्रॉफिट 76.5% बढ़कर ₹174.2 करोड़ हो गया जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह ₹98.7 करोड़ था.कंपनी की ऑपरेशन्स से आय 61.1% बढ़कर ₹771.5 करोड़ पहुंच गई जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में ₹475.9 करोड़ थी.
EBITDA और मार्जिन में सुधार
ऑपरेटिंग स्तर पर कंपनी की EBITDA (ब्याज, टैक्स, डेप्रिसिएशन और अमॉर्टाइजेशन से पहले की कमाई) 125% बढ़कर ₹177.3 करोड़ हो गई. बीते साल इस अवधि में यह आंकड़ा ₹78.7 करोड़ थी.EBITDA मार्जिन भी 23% हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 16.5% था.
शिप बिल्डिंग और शिप रिपेयर बिजनेस में बढ़ोतरी
कोचीन शिपयार्ड का मुख्य व्यवसाय शिप बिल्डिंग है जिसने कंपनी की टॉपलाइन का 68% योगदान दिया.शिप बिल्डिंग से होने वाली आय पिछले साल के मुकाबले 62% बढ़कर ₹527 करोड़ हो गई.वहीं, शिप रिपेयर बिजनेस से कंपनी की आय 63% बढ़कर ₹245 करोड़ हो गई और इसका मार्जिन 43% तक पहुंच गया जो पिछले साल 24% था.
शेयर की स्थिति
मंगलवार को शेयर मार्केट बंद होने पर कोचीन शिपयार्ड का शेयर अपने ऑल टाइम हाई ₹2,977 से 44% नीचे था जो जुलाई में देखा गया था.हालांकि, आईपीओ प्राइस ₹432 से यह स्टॉक अभी भी 4 गुना ऊपर है.