सिंधु नदी पर एक और सख्त फैसले की तैयारी, तीन तरफ से घिरेगा पाकिस्तान, जानें क्या मोदी सरकार का प्लान
केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में सिंधु नदी बेसिन से जुड़ी सभी लंबित और प्रस्तावित परियोजनाओं की पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया तेज करने का फैसला लिया है. यह कदम पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से स्थगित करने के बाद उठाया गया है. परियोजनाओं में Uri-II, Kirthai-II और Sawalkot जैसे पनबिजली प्रोजेक्ट शामिल हैं.

Environmental Clearance: सिंधु जल समझौता स्थगित करने के बाद केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है. सरकार सिंधु नदी बेसिन पर प्रस्तावित और लंबित सभी विकास परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए पर्यावरण संबंधित मंजूरी देने जा रही है. इस फैसले से हाइड्रो, सिंचाई और वॉटर स्टोरेज से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि बेसिन पर स्थित सभी योजनाओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ जल्द से जल्द मंजूरी दी जाएगी.
पहलगाम हमले के बाद बदली रणनीति
पहलगाम में सैलानियों पर हुए हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव किया है. हमले के बाद सरकार ने 1960 की इस संधि को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है. अब सरकार का जोर है कि सिंधु सहित इसकी सहायक नदियों के पानी का अधिकतम उपयोग किया जाए. इसके लिए सरकार जम्मू कश्मीर में ऐसे प्रोजेक्ट को प्राथमिकता दे रही है जो हाइड्रो पावर और सिंचाई के क्षेत्र में सहायक हो. इसी के तहत लंबित परियोजनाएं फिर से शुरू की जा रही हैं.
इन परियोजनाओं को मिलेगी मंजूरी
सरकार ने यूरी स्टेज टू (240 मेगावाट), कीरथई टू (930 मेगावाट) और सावलकोट (1856 मेगावाट) जैसी पनबिजली परियोजनाओं की मंजूरी प्रक्रिया तेज करने का फैसला लिया है. इन परियोजनाओं से न केवल स्वच्छ बिजली का उत्पादन होगा बल्कि वॉटर स्टोरेज की क्षमता भी विकसित की जाएगी. इन योजनाओं के अलावा भी कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं जो पर्यावरण मंजूरी ना मिलने चलते लंबित है. सरकार के इस फैसले से जम्मू और कश्मीर में प्रोजेक्ट जल्द पूरे होंगे, जिससे पाकिस्तान जाने वाला पानी को रोकने में मदद मिलेगी.
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पर्यावरण मंत्रालय से तेजी से मिलेगी मंजूरी
ऐसे सभी प्रोजेक्ट जो किसी वन या रिजर्व क्षेत्र में आते हैं, उन्हें पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी की जरूरी होती है. अक्सर इस प्रक्रिया में देरी होती है जिससे परियोजनाएं लेट हो जाती हैं. इसी को देखते हुए सरकार ने सिंगल विंडो पोर्टल जैसी नई पहल शुरू की है. इसके तहत वन मंजूरी को वैज्ञानिक परीक्षण के साथ जल्द पूरा किया जाएगा.
इन प्रोजेक्ट को मिलेगी प्राथमिकता
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने बताया है कि जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में रणनीतिक महत्व की परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. इससे न केवल सुरक्षा बलों को सुविधा मिलेगी बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी सिंचाई और बिजली की बेहतर सुविधा प्राप्त होगी.
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