जनरल वीके सिंह बने मिजोरम के राज्यपाल, आरिफ मोहम्मद खान को मिली बिहार की जिम्मेदारी
जनरल वीके सिंह गाजियाबाद से दो बार सांसद रह चुके हैं. वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. पिछली सरकार में उन्हें विदेश राज्य मंत्री भी बनाया गया था. लेकिन इस बार पार्टी ने उनको गाजियाबाद से टिकट नहीं दिया. तब से जनरल वीके सिंह को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे.
केंद्र सरकार ने क्रिसमस से पहले कई राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति और फेरबदल किया है. पूर्व केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का राज्यपाल बनाया गया है. वहीं, पूर्व सेना प्रमुख विजय कुमार सिंह (जनरल वीके सिंह) मिजोरम के नए राज्यपाल नियुक्त किए गए हैं. जबकि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को बिहार ट्रांसफर कर दिया गया है. यानी अब आरिफ मोहम्मद खान बिहार के नए राज्यपाल होंगे.
राष्ट्रपति भवन के अनुसार खान के स्थान पर बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. राष्ट्रपति भवन ने एक बयान में कहा कि आरिफ मोहम्मद खान को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति भवन ने ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. बयान में कहा गया कि मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति को दास के स्थान पर ओडिशा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है.
साल 2019 में केरल का राज्यपाल बनाया
पीटीआई के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन के बयान में कहा गया कि ये नियुक्तियां उस तारीख से प्रभावी होंगी, जिस दिन वे अपने-अपने कार्यालयों का कार्यभार संभालेंगे. खास बात यह है कि आरिफ मोहम्मद खान काफी लंबे समय से केरल के राज्यपाल थे. उन्हें 6 सितंबर 2019 को केरल का राज्यपाल बनाया गया था. वे अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं. वे किसी भी मुद्दे पर जोरदार तरीके से अपनी बात रखते हैं.
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सक्रिय राजनीति में आने की उम्मीद
बात अगर रघुबर दास की करे तो उन्हें 18 अक्टूबर 2023 को ओडिशा का राज्यपाल बनाया गया था. उन्होंने इस पद से इस्तीफे दिया था, जिसे राष्ट्रपति मुर्मू ने स्वीकार कर लिया. माना जा रहा है वे फिर से सक्रिय राजनीति में आ सकते हैं. क्योंकि इस बार भी बीजेपी को झारखंड विधानसभा चुनाव में जीत नहीं मिली. ऐसे में पार्टी उन्हें फिर से सक्रिय राजनीति में उतार सकती है.
इस बार नहीं मिला टिकट
वहीं, जनरल वीके सिंह गाजियाबाद से दो बार सांसद रह चुके हैं. वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. पिछली सरकार में उन्हें विदेश राज्य मंत्री भी बनाया गया था. लेकिन इस बार पार्टी ने उनको गाजियाबाद से टिकट नहीं दिया. तब से जनरल वीके सिंह को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे. राजनीतिक पंडितों का कहना था कि पार्टी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है. इसलिए उन्हें चुनाव नहीं लड़ने दिया गया. आखिर अंत में उन्हें मिजोरम का राज्यपाल बनाया गया. खास बात यह है कि जनरल वीके सिंह गाजियाबाद से टिकट नहीं मिलने पर राजपूत समाज में काफी गुस्सा भी था.
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