GST काउंसिल की बैठक हुई शुरू, इंश्योरेंस समेत इन अहम मुद्दों पर हो सकता है फैसला

आज जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक शुरू हो चुकी है. इसमें इंश्योरेंस पर जीएसटी हटाने पर फैसला हो सकता है. इसके अलावा ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों पर भी आज की बैठक में फैसला लिया जा सकता है.

गुड्स एंड सर्विस टैक्स Image Credit: jayk7/Moment/Getty Images

जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक आज दिल्ली में शुरू हो गई है. इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. इनमें बीमा प्रीमियम पर टैक्स, एमनेस्टी योजना, दरों को सरल बनाने के लिए जीओएम के सुझाव और ऑनलाइन गेमिंग के टैक्स पर भी चर्चा शामिल है. सूत्रों के अनुसार, फिटमेंट समिति, जिसमें केंद्र और राज्य के टैक्स अधिकारी शामिल हैं, जीवन, स्वास्थ्य और रिइंश्योरेंस प्रीमियम पर लगाए गए जीएसटी पर एक रिपोर्ट पेश करेगी.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में यह बैठक चल रही है, जिसमें राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हो रहे हैं. इस बैठक में इस बात पर चर्चा की जाएगी कि क्या स्वास्थ्य बीमा पर मौजूदा 18% टैक्स को कम किया जाना चाहिए या वरिष्ठ नागरिकों जैसी कुछ श्रेणियों के लोगों को छूट देने चाहिए.

साथ ही जीवन बीमा प्रीमियम पर भी कटौती के बारे में विचार-विमर्श होगा. वर्ष 2023-24 में केंद्र और राज्यों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के माध्यम से 8,262.94 करोड़ रुपये एकत्र किए, जबकि स्वास्थ्य रिइंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी से 1,484.36 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.

बीमा प्रीमियम पर टैक्सेशन को लेकर संसद में भी मुद्दा उठ चुका है. विपक्षी सांसदों ने मांग की थी कि स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट दी जाए. पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने पिछले महीने जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए मंत्री परिषद की बैठक में इस मुद्दे को उठाया था, और इसे आगे के डेटा विश्लेषण के लिए फिटमेंट समिति को भेज दिया गया था.

केंद्र और राज्य के टैक्स अधिकारी परिषद के सामने ऑनलाइन गेमिंग के संबंध में एक स्थिति रिपोर्ट भी पेश करेंगे, जिसमें 1 अक्टूबर 2023 से पहले और बाद में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र से जीएसटी संग्रह की जानकारी दी जाएगी. फिलहाल, गेमिंग प्लेटफॉर्म और कैसीनो पर 28% जीएसटी लागू है. इसके अलावा, परिषद को फेक रजिस्ट्रेशन और उनके खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी दी जाएगी. साथ ही, जीएसटी चोरी की राशि भी परिषद के सामने प्रस्तुत की जाएगी.

आपको बता दें कि जून की बैठक में परिषद ने करदाताओं के हित में कई कदम उठाए थे, जिनमें जीएसटी के पहले तीन साल (2017-18, 2018-19 और 2019-20) के दौरान जीरो डिमांड नोटिस पर ब्याज और जुर्माने की छूट शामिल है. मुकदमेबाजी को कम करने के मकसद से काउंसिल ने टैक्‍स अधिकारियों के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण, उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर करने के लिए 20 लाख रुपए की लिमिट तय की है. साथ ही गुड्स एंड सर्विस टैक्‍स के तहत अपील दायर करने के लिए टैक्‍सपेयर्स की ओर से भुगतान की जाने वाली पूर्व-जमा राशि को भी कम करने की सिफारिश की है.