स्वास्थ्य और जीवन बीमा सेवाओं ने भर दिया सरकार का खजाना, GST से कमाई में 680 फीसदी की उछाल
केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा सेवाओं पर जीएसटी संग्रह में भारी वृद्धि दर्ज की है. फिलहाल इन सेवाओं पर मानक दर से टैक्स लगाया जाता है. हालांकि, कई राज्यों और हितधारकों ने इन पर कर की दरों में कटौती की मांग की है.
लोगों ने सरकार की तिजोरी भर दी है. केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा सेवाओं पर GST के जरिए राजस्व में भारी बढ़ोतरी दर्ज की है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में जानकारी दी कि 2019-20 में GST से 2,101 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ था, जो 2023-24 में बढ़कर 16,398 करोड़ रुपये हो गया. यह 680 फीसदी के बढ़त को दिखाता है. हालांकि, 2023-24 का यह कलेक्शन 2022-23 में इकट्ठा किए गए 16,770 करोड़ रुपये की तुलना में थोड़ा कम है.
जीएसटी दर में कमी की मांग
जीएसटी से सरकार के कमाई के बीच राज्य सहित कई हितधारकों ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी दरों में कमी की मांग की है. फिलहाल, स्वास्थ्य बीमा सेवाओं पर 18% की मानक दर से जीएसटी लगाया जाता है. हालांकि, कुछ विशेष योजनाओं जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (RSBY), यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम, जन आरोग्य बीमा पॉलिसी और निरामया हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम को जीएसटी से छूट मिली हुई है.
स्वास्थ्य बीमा पर विचार करेगी GOM
बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री, सम्राट चौधरी को स्वास्थ्य बीमा पर ग्रुप ऑफ मिनीस्टर (GOM) का संयोजक नियुक्त किया गया है. यह जीओएम अपनी रिपोर्ट 21 दिसंबर को जैसलमेर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में प्रस्तुत करेंगे. मंत्रियों का यह समूह जीएसटी में बदलाव की सिफारिशें पेश करेगा.
पंकज चौधरी ने यह बताया कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी से संबंधित मुद्दों को 9 सितंबर 2024 को नई दिल्ली में हुई जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक में उठाया गया था. विस्तृत चर्चा के बाद, काउंसिल ने जीओएम गठित करने की सिफारिश की ताकि इन विषयों पर समग्रता से विचार किया जा सके.
शिक्षा सेवाओं पर जीएसटी संग्रह में भी बढ़ोतरी
संसद में उठे एक अन्य सवाल पर वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि छूट रहित शिक्षा सेवाओं (जैसे व्यावसायिक प्रशिक्षण और कोचिंग) से जीएसटी के तहत कमाई पिछले तीन सालों में 67 फीसदी बढ़ गई है. 2023-24 में, सरकार ने इस श्रेणी से 4,792.40 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्शन किया जबकि 2021-22 में यह आंकड़ा 2,859.49 करोड़ रुपये था.
चौधरी ने यह भी स्पष्ट किया कि छपी हुई किताबों (ब्रेल पुस्तकों सहित), समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, विज्ञापन सामग्री वाली या बिना विज्ञापन वाली चित्र पुस्तकों और बच्चों की ड्राइंग या रंग भरने की किताबों पर कोई जीएसटी नहीं लगता.
आने वाले फैसले पर नजरें
स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी दरों को लेकर काउंसिल की आगामी बैठक से महत्वपूर्ण निर्णयों की उम्मीद की जा रही है. यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस विषय पर हितधारकों की मांग को कितना संतुलित करती है.