अमेरिका में रहने वाले गुजराती, पंजाबी से ज्यादा कमाते है…ये है पूरी डिटेल
भारत से अमेरिका जाने वालों की तादाद काफी है. ऐसे में एक इसी से संबंधित एक स्टडी सामने आई है. इस स्टडी में पंजाबी और गुजराती भाषी प्रवासियों के बीच काफी फर्क दिखाई दिया है. दरअसल, साल 2001 से 2022 के बीच अमेरिका में भारतीय शरणार्थी मामलों में पंजाबी भाषी 66 फीसदी थे. वहीं गुजराती भाषी केवल 7 फीसदी थे. यह अंतर भारत की आर्थिक स्थिति और अमेरिका में शरण आवेदन के दौरान होने वाली जांच को दिखाता है.
Indians in America: भारत से अमेरिका जाने वालों की तादाद काफी है. ऐसे में एक इसी से संबंधित एक स्टडी सामने आई है. इसका नाम Unauthorized Indians in the United States: Trends and Developments है. इस स्टडी में पंजाबी और गुजराती भाषी प्रवासियों के बीच काफी फर्क दिखाई दिया है. दरअसल, साल 2001 से 2022 के बीच अमेरिका में भारतीय शरणार्थी मामलों में पंजाबी भाषी 66 फीसदी थे. वहीं गुजराती भाषी केवल 7 फीसदी थे. यह अंतर भारत की आर्थिक स्थिति और अमेरिका में शरण आवेदन के दौरान होने वाली जांच को दिखाता है.
ये हैं कारण
अमेरिका का कानून शरण देने का अधिकार उन व्यक्तियों को देता है जो उत्पीड़न का सामना कर रहे होते हैं. केवल आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे व्यक्तियों को नहीं. इस कारण से गुजराती भाषी शरण पाने में पीछे रहते हैं. वहीं पंजाबी अक्सर खालिस्तानी अलगाववाद और भारतीय सरकार के साथ तनाव का हवाला देते हैं.
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इतनी है इनकम
बीएस के अनुसार अमेरिका में गुजराती प्रवासियों की औसत इनकम 58,000 डॉलर है. वहीं पंजाबी प्रवासियों की औसत इनकम 48,000 डॉलर है. गुजराती भाषा बोलने वाले भारतीयों की आय अन्य भारतीय भाषाओं से कम है. अवैध प्रवासन के लिए काफी आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता होती है. लैटिन अमेरिका या कनाडा के रास्ते अमेरिका में प्रवेश करने की कीमत भारत के प्रति व्यक्ति इनकम से 30 से 100 गुना अधिक हो सकती है.
खालिस्तानी एक्टिविस्टों का भी मामला
पंजाबी शरणार्थियों की स्वीकृति दर 63 फीसदी है. वहीं गुजराती शरणार्थियों की स्वीकृति दर सिर्फ 25 फीसदी है. ट्रैक डेटा के अनुसार, हिंदी बोलने वालों की स्वीकृति दर 58 फीसदी थी. वहीं अंग्रेजी बोलने वालों की 8 फीसदी थी.शोधकर्ताओं का कहना है कि भारतीय सरकार की खालिस्तानी एक्टिविस्टों के खिलाफ नीतियों ने पश्चिमी देशों में पंजाबी शरणार्थियों के दावे को मजबूत किया है.
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