खाने-पीने पर भी ढंग से खर्च नहीं कर पाते इन राज्यों के लोग, महीने में बस इतने रुपये

शुक्रवार को हाउसहोल्ड कंजप्शन एक्सपेंडिचर सर्वे जारी हुआ. इस सर्वेक्षण ने देशभर में भारी अंतर को उजागर किया है. कई राज्य ऐसे हैं जिनका MPCE राष्ट्रीय औसत से बेहद कम है.वहीं दक्षिणी राज्यों ने अच्छा प्रदर्शन किया है.वहीं सिक्किम का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है, यहां ग्रामीण परिवारों ने 9,377 रुपये और शहरी परिवारों ने 13,927 रुपये खर्च किए हैं.

हाउसहोल्ड कंजप्शन एक्सपेंडिचर सर्वे Image Credit: Freepik.com

भारत में 144 करोड़ लोग रहते हैं. लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए हर दिन कुछ न कुछ खरीदते हैं, और इसी खरीदारी पर आधारित होता है हाउसहोल्ड कंजप्शन एक्सपेंडिचर सर्वे. शुक्रवार को हाउसहोल्ड कंजप्शन एक्सपेंडिचर सर्वे जारी हुआ. इस सर्वे से यह पता चलता है कि कई राज्यों में मंथली पर कैपिटा हाउसहोल्ड कंजप्शन एक्सपेंडिचर (MPCE) देश के औसत कंजप्शन से काफी कम है.

सर्वे के मुताबिक, MPCE की ग्रामीण राष्ट्रीय औसत 4,122 रुपये है, जबकि कई राज्य ऐसे हैं जिनका MPCE राष्ट्रीय औसत से बेहद कम है. इस सर्वेक्षण ने देशभर में भारी अंतर को उजागर किया है. भारत में सिक्किम का प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा है, जहां ग्रामीण परिवारों ने 9,377 रुपये और शहरी परिवारों ने 13,927 रुपये खर्च किए. दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ ने सबसे कम MPCE दर्ज किया, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 2,739 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 4,927 रुपये खर्च हुए.

दक्षिणी राज्यों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जिसमें केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक राष्ट्रीय औसत से काफी आगे हैं. यह सर्वे 261,953 परिवारों (ग्रामीण क्षेत्रों में 154,357 और शहरी क्षेत्रों में 107,596) के सैंपल पर आधारित है.

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ग्रामीण MPCE: किस राज्य का प्रदर्शन सबसे खराब

इस सर्वे के मुताबिक, ग्रामीण MPCE में सबसे खराब प्रदर्शन छत्तीसगढ़ का है. छत्तीसगढ़ का ग्रामीण MPCE 2,739 रुपये है. इसके बाद झारखंड का नंबर आता है, जहां ग्रामीण MPCE 2,946 रुपये है. तीसरे स्थान पर ओडिशा है, जहां का ग्रामीण MPCE 2,950 रुपये है. इसके बाद बिहार (3,670 रुपये), असम (3,793 रुपये), उत्तर प्रदेश (3,481 रुपये), मध्य प्रदेश (3,441 रुपये) और पश्चिम बंगाल (3,620 रुपये) का स्थान आता है.

साउथ के राज्यों का बेहतर प्रदर्शन

  • केरल: ग्रामीण परिवार हर महीने 6,611 रुपये और शहरी परिवार 7,834 रुपये खर्च करते हैं.
  • तमिलनाडु: ग्रामीण क्षेत्रों में 5,872 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 8,325 रुपये खर्च होते हैं.
  • तेलंगाना: ग्रामीण क्षेत्रों में 5,675 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 9,131 रुपये का खर्च दर्ज किया गया है.
  • आंध्र प्रदेश: ग्रामीण परिवार 6,107 रुपये और शहरी परिवार 9,877 रुपये खर्च करते हैं.
  • कर्नाटक: ग्रामीण क्षेत्रों में 5,068 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 8,169 रुपये खर्च होते हैं.