संगम के प्रदूषण पर चल रही खींचतान, जानें अब तक गंगा की सफाई पर कितने हजार करोड़ हो गए खर्च

महा कुंभ 2025 में गंगा के पानी की गुणवत्ता को लेकर विवाद हो रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि गंगा के पानी में फीकल बैक्टीरिया की मात्रा नहाने योग्य नहीं है. लेकिन योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि संगम का जल "पीने योग्य" है. यहां बताएंगे कि सरकार ने गंगा की सफाई के लिए अब तक कितने करोड़ रुपये खर्च किए हैं?

गंगा की सफाई पर कितना खर्च हुआ? Image Credit: PTI

Ganga River Maha Kumbh: महा कुंभ 2025 में गंगा के पानी की गुणवत्ता को लेकर विवाद छिड़ चुका है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने CPCB की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया कि कई स्थानों पर पानी में फीकल बैक्टीरिया जो नहाने योग्य नहीं है. भले ही इसका फैसला न हो सका हो कि गंगा कितनी साफ हुई लेकिन ये तो सबके सामने हैं कि सरकार ने इसे साफ करने के लिए अब तक कितना खर्च कर दिया है. चलिए ये जानते हैं.

गंगा सफाई पर कितना खर्च हुआ?

गंगा की सफाई का मिशन को नया नहीं है. कई दशकों से गंगा को साफ करने की सरकारें योजना बनाते आ रही हैं. सबसे पहले 1985 में सरकार ने गंगा को साफ के लिए गंगा एक्शन प्लान लॉन्च किया जो 2008 में शुरू हुए नेशनल गंगा रिवर बेसिन प्रोजेक्ट तक गंगा को स्वच्छ बनाने की कोशिश कर रहा है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया ने 1986 से 2014 के बीच गंगा की सफाई पर 20,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.

मोदी सरकार ने 2014 से अक्टूबर 2022 तक, 13,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किए हैं. वहीं 31 दिसंबर 2023 तक, सरकार ने ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के तहत 13 हजार के खर्च को बढ़ाकर 16,461.65 करोड़ रुपये जारी किए हैं.

इस हिसाब से 1985 से लेकर 2023 तक गंगा की सफाई पर सरकार कुल 36,461 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं.

उत्तर प्रदेश में गंगा सफाई पर खर्च

संसद में दिए गए एक जवाब के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में अकेले उत्तर प्रदेश में गंगा की सफाई के लिए 472.46 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. वहीं यूपी में ही 2021 से 31 जनवरी 2022 तक ₹331.98 करोड़ खर्च किए गए. इस हिसाब से इस दौरान कुल 804.44 करोड़ रुपये गंगा की सफाई पर खर्च किए गए हैं.

गंगा सफाई के लिए क्या-क्या किया गया?

  • 457 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई, जिनका अनुमानित बजट ₹38,438.05 करोड़ है.
  • इनमें से 280 प्रोजेक्ट्स पूरी हो चुके हैं
  • 6,208.12 मिलियन लीटर प्रति दिन (MLD) की सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता विकसित करने के लिए ₹31,575.84 करोड़ की लागत से 198 सीवरेज प्रोजेक्ट शुरू किए गए
  • अब तक 111 सीवरेज प्रोजेक्ट्स पूरे हो चुके हैं, जिससे 2,844.00 MLD की क्षमता निर्मित हुई है.

नमामि गंगे कार्यक्रम क्या है?

भारत सरकार ने जून 2014 में ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम शुरू किया, जिसका उद्देश्य गंगा और इसकी सहायक नदियों का संरक्षण और पुनर्जीवन करना है. इस कार्यक्रम को केंद्र सरकार ने फ्लैगशिप प्रोजेक्ट के रूप में मंजूरी दी थी और इसके लिए 20,000 करोड़ का बजट आवंटित किया था.

इस योजना का फोकस गंगा के साथ-साथ यमुना, कोसी, सरयू, रामगंगा, काली (पूर्व-पश्चिम), गोमती, सोन, चंबल, दमोदर आदि नदियों पर भी है.

‘नमामि गंगे’ के तहत इन लक्ष्यों को हासिल करना है:

  • सीवेज ट्रीटमेंट इंफ्रास्ट्रक्चररिवरफ्रंट डेवलपमेंट
  • नदी सतह की सफाई
  • बायो डायवर्सिटी संरक्षण
  • पेड़-पौधे लगाना
  • जन-जागरूकता अभियान
  • इंडस्ट्री से निकलने वाले कचरे की निगरानी
  • गंगा ग्राम योजना (स्वच्छ गांव और गंगा संरक्षण पर ध्यान केंद्रित)

गंगा पर आई CPCB की रिपोर्ट में क्या निकला?

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट में यह सामने आया कि जनवरी के दूसरे हप्ते में हुई जांच के दौरान गंगा के पानी में फीकल कोलीफॉर्म और बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) के स्तर नहाने योग्य नहीं पाए गए हैं. सोमवार को कोर्ट ने CPCB की इस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया और पाया कि उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (UPPCB) ने 23 दिसंबर के आदेश के तहत कोई एक्शन टेकन रिपोर्ट दाखिल नहीं की. रिपोर्ट के अनुसार, महा कुंभ मेले के दौरान लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान कर रहे हैं, जिससे गंगा जल में फीकल बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ सकती है.

हालांकि इस रिपोर्ट को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने खारिज करते हुए कहा कि संगम का जल “पीने योग्य” है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि “सनातन धर्म, मां गंगा, भारत या महा कुंभ” के खिलाफ झूठे आरोप लगाना या “फर्जी वीडियो” फैलाना करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. योगी आदित्यनाथ ने इसे CPCB की रिपोर्ट के जरिए कुंभ को बदनाम करने की साजिश बताया.