पता चल गया… महाकुंभ में कैसे हुई थी करोड़ों लोगों की गिनती, योगी आदित्यनाथ ने बता दिया तरीका
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित किया गया था और इसमें 64 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रयागराज के संगम में स्नान किया था. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ राज्य की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान पर अमिट छाप छोड़ेगा.

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में 64 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई थी. लेकिन लोगों के मन में यह सवाल बना हुआ था कि आखिर इतने श्रद्धालुओं की गिनती कैसे की गई. क्योंकि महाकुंभ में लोगों की गिनती के लिए किसी भी तरह की मशीन तो लगी नहीं थी. अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बता दिया है कि आखिर श्रद्धालुओं की गिनती कैसे की गई थी. योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ उत्सव में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बताते हुए सटीक आंकड़ा प्राप्त करने के लिए उनके प्रशासन द्वारा अपनाए गए तरीकों के बारे में विस्तार एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में बताया है.
कैसे हुई थी करोड़ों लोगों की गिनती?
इस बारे में विस्तार से बताते हुए सीएम ने कहा कि 45 दिनों के महाकुंभ के दौरान 64.3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई. हमने वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए थे. हमने AI टूल्स का उपयोग करके लोगों की गिनती की. हमने यह भी सुनिश्चित किया कि 24 घंटे में किसी भी व्यक्ति की दो बार गिनती न हो. चेहरे पहचानने और लोगों की गिनती करने की व्यवस्था थी. हर 24 घंटे के बाद अंतिम डेटा तैयार किया जाता था. इसके लिए हमने एक इंटीग्रेटेड सेंटर बनाया था, जिसके जरिए सभी चीजों की निगरानी की गई.
अमिट छाप छोड़ेगा महाकुंभ
सीएम योगी आदित्यनाथ ने उम्मीद जताई कि इस महाकुंभ को आस्था और आधुनिकता के संगम के रूप में याद किया जाएगा, जो राज्य की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान पर अमिट छाप छोड़ेगा. महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित किया गया था और इसमें 64 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रयागराज के संगम में स्नान किया था.
मिट गए सभी अंतर
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि महाकुंभ ने उन लोगों को चुप करा दिया है जिन्होंने सनातन धर्म के बारे में नकारात्मक टिप्पणी की थी या आयोजन में भेदभाव का आरोप लगाया था. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो लोग कहते थे कि भेदभाव है, जो लोग सनातन धर्म के बारे में नकारात्मक टिप्पणी करते थे या दावा करते थे कि पुरुषों और महिलाओं के बीच भेदभाव होता है, महाकुंभ ने उन सभी को चुप करा दिया है. सभी ने एक संगम में स्नान किया, अमीर और गरीब, जातियों, क्षेत्रों और भाषाओं के बीच के अंतर मिट गए.
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