IIT बॉम्बे का छात्र हुआ डिजिटल अरेस्ट का शिकार, स्कैमर्स ने लाखों का लगाया चूना
डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. एक नया मामला अब सामने आया है, वह ज्यादा ही चिंताजनक है क्योंकि भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक, IIT बॉम्बे का एक छात्र भी इस धोखाधड़ी का शिकार हुआ है.
पिछले कुछ दिनों से डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं चर्चा में हैं. इन मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में लोगों को इस घोटाले से सतर्क रहने की सलाह दी थी. सरकार की चेतावनियों के बावजूद कई लोग इन धोखाधड़ी करने वालों के जाल में फंस जाते हैं. हाल ही में अधिकारियों ने ऐसी गतिविधियों से जुड़े लगभग 17,000 व्हाट्सएप अकाउंट्स को ब्लॉक किया था. लेकिन जो मामला अब सामने आया है, वह ज्यादा ही चिंताजनक है क्योंकि भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक, IIT बॉम्बे का एक छात्र भी इस धोखाधड़ी का शिकार हुआ है.
कैसे हुआ धोखाधड़ी का शिकार
IIT बॉम्बे के 25 वर्षीय छात्र को किसी अज्ञात व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) का अधिकारी बताया. स्कैमर ने दावा किया कि छात्र के फोन नंबर के खिलाफ शिकायतें दर्ज हैं और जब तक वह पुलिस से NOC प्राप्त नहीं कर लेता, उसका नंबर डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा. मामले को और गंभीर दिखाने के लिए, स्कैमर्स ने उसे एक साइबर क्राइम यूनिट के एक फर्जी अधिकारी से जोड़ा.
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वीडियो कॉल पर, छात्र को पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति दिखाया गया जिसने उस पर मनी लॉन्ड्रिंग का झूठा आरोप लगाया. इसके बाद, स्कैमर्स ने छात्र से उसका आधार नंबर मांगा और गिरफ्तारी से बचने के लिए 30,000 रुपये ट्रांसफर करने का दबाव बनाया.
डर और भ्रमित होकर, छात्र ने अपने बैंक खाते की जानकारी साझा कर दी. स्कैमर्स ने इस जानकारी का उपयोग करके छात्र के खाते से 7.29 लाख रुपये की ठगी कर ली. कॉल समाप्त होने के बाद, छात्र ने “डिजिटल अरेस्ट” को सर्च किया, तब उसे एहसास हुआ कि वह धोखाधड़ी का शिकार हो गया है.