विदेशी संपत्ति का अगर नहीं किया खुलासा तो देना होगा 10 लाख का जुर्माना, आयकर विभाग ने दी चेतावनी

हाल ही में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने कंप्लायंस और अवेयरनेस अभियान के तहत एक पब्लिक एडवाइजरी जारी की है. डिपार्टमेंट ने चेतावनी दी है कि यदि किसी व्यक्ति ने अपनी विदेशी संपत्तियों का सही तरीके से खुलासा नहीं किया, तो उस पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

आयकर विभाग ने दी चेतावनी विदेशी संपत्तियों की देनी होगी जानकारी Image Credit:

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स को आगाह किया है कि अगर कोई अपने इनकम रिटर्न में विदेशी संपत्ति या विदेश में अर्जित इनकम का खुलासा नहीं करता हैं, तो उन पर काले धन और कर अधिनियम 2015 के तहत 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. यह जानकारी डिपार्टमेंट ने जागरूकता अभियान के तहत जारी की. आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स को अपने ITR में पूरी पारदर्शिता बरतने की सलाह दी है. ताकि वे किसी भी कानूनी कार्रवाई से बच सकें. इस दिशा में विभाग ने शनिवार को एक पब्लिक एडवाइजरी जारी की है. यह सलाह खासकर उन करदाताओं के लिए है, जो असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए अपना रिटर्न दाखिल कर रहे हैं और जिनके पास विदेशी संपत्ति या विदेश में अर्जित आय है.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने स्पष्ट किया है कि जिन करदाताओं के पास विदेशी संपत्ति या आय है. उन्हें अपने ITR में संबंधित विदेशी संपत्ति या आय का खुलासा करना जरूरी है. विदेशी संपत्ति में विदेश स्थित बैंक खाते, नकद मूल्य बीमा अनुबंध, अचल संपत्ति, इक्विटी और ऋण निवेश, ट्रस्ट, हस्ताक्षर अधिकार वाले खाते आते हैं.

अभियान का उद्देश्य

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अनुसार, इस अभियान का उद्देश्य उन करदाताओं को सचेत करना और मार्गदर्शन प्रदान करना है, जिन्होंने अपने ITR में विदेशी संपत्ति से संबंधित जानकारी ठीक से नहीं भरी है. यह विशेष रूप से उन मामलों में लागू होता है, जहां उच्च-मूल्य वाली विदेशी संपत्ति का सवाल है. आयकर विभाग ने एक बार फिर करदाताओं से आग्रह किया है कि वे अपने रिटर्न में पूरी पारदर्शिता बरतें और सभी जानकारी सही तरीके से दर्ज करें, ताकि वे किसी भी कानूनी कार्रवाई से बच सकें.

लगेगा सख्त जुर्माना

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई करदाता अपने ITR में विदेशी संपत्ति या आय का खुलासा नहीं करता है, तो उसे काले धन और कर अधिनियम, 2015 के तहत 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है. इस अभियान के तहत उन व्यक्तियों की पहचान की जा रही है, जिन्होंने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समझौतों के माध्यम से विदेशी संपत्ति या आय के बारे में जानकारी साझा की है.