PAN 2.0 से जुड़े सवालों का Income Tax विभाग ने 10 पॉइंट्स में दिया जवाब

PAN 2.0 असल में पैन से जुड़े सभी कार्यों के लिए एक इंटिग्रेटेड पोर्टल प्रदान करती है. इसमें बेहतर सुरक्षा के लिए क्यूआर कोड के साथ एडवांस पैन कार्ड शामिल हैं. पैन 2.0 आयकर विभाग की एक इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस पहल है. इसका मकसद टैक्सपेयर रजिस्ट्रेशन सेवाओं का आधुनिकीकरण करना है.

इस परियोजना पर सरकार भारी भरकम खर्च करेगी Image Credit: Money9

केंद्र सरकार ने सोमवार को PAN 2.0 परियोजना का ऐलान किया. इस योजना का मकसद देश के टैक्सपेयर रजिस्ट्रेशन सिस्टम को तीव्र और आधुनिक बनाना है. हालांकि, फिलहाल इससे जुड़े कई सवाल हैं. यहां इनकम टैक्स विभाग ने इससे जुड़े 10 अहम सवालों के जवाब दिए हैं. इस परियोजना को लागू करने का काम केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को दिया गया है. मंगलवार को वित्त मंत्रालय ने बताया कि सीबीडीटी की PAN 2.0 परियोजना के तहत PAN/TAN को जारी करने और प्रबंधित करने की प्रक्रिया को व्यवस्थित और आधुनिक बनाया जाएगा. फिलहाल देश में 78 करोड़ PAN और 73.28 लाख TAN मौजूद हैं. इनकम टैक्स विभाग का कहना है कि PAN 2.0 परियोजना करदाताओं की तमाम जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कई प्लेटफॉर्म और पोर्टलों का एकीकरण करेगी.

तीन प्लेटफॉर्म का होगा एकीकरण

आयकर विभाग ने बताया कि इस परियोजना के तहत PAN से जुड़ी सेवाएं तीन अलग-अलग प्लेटफार्मों पर उपलब्ध हैं. इनमें ई-फाइलिंग पोर्टल, यूटीआईआईटीएसएल पोर्टल और प्रोटीन ई-गॉव पोर्टल शामिल हैं. PAN 2.0 के तहत इन तीनों को एक कर यूनीफाइड पोर्टल बनाया जाएगा. यह पोर्टल पैन और टैन से जुड़े सभी मामलों को संभालेगा.

सभी काम एक जगह से होंगे

आयकर विभाग के मुताबिक यूनीफाइड पोर्टल के जरिये पैन और टैन के आवेदन, अपडेट, सुधार, आधार-पैन लिंकिंग और ऑनलाइन पैन सत्यापन तक सभी सुविधाएं एक ही जगह उपलब्ध होंगी. PAN 2.0 इनकम टैक्स की तरफ से डिजिटल इंडिया के साथ जुड़ने की दिशा में भी एक अहम कदम है. इससे सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए पैन को एक सामान्य पहचानकर्ता के रूप में स्थापित करते इस पूरी पक्रिया को पेपरलैस बनाने में मदद मिलेगी.

पैन 2.0 की मुख्य विशेषताएं

  1. उपयोगकर्ताओं के लिए पहुंच को आसान बनाने के लिए यूनीफाइड पोर्टल बनेगा.
  2. ईकोफ्रैंडली और पेपरलैस प्रक्रिया.
  3. निशुल्क जारी किया जाएगा नया पैन.
  4. डाटा को पैन वॉल्ट की एडवांस सिक्योरिटी में संरक्षित रखा जाएगा.
  5. यूजर्स के सवालों और समस्याओं के समाधान के लिए डेडिकेटेड कॉल सेंटर और हेल्पडेस्क होगी.

पैन 2.0 परियोजना के बारे में सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवाल

यह बदलाव, PAN/TAN की सेवाओं को तीव्र बनाने, शिकायतों के प्रभावी निपटारे और संवेदनशील डाटा की बेहतर सुरक्षा के लिहाज से अहम है. यहां नए बदलावों के बारे में सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवालों का आयकर विभाग ने जवाब दिया है.

1. पैन 2.0 क्या है?

PAN 2.0 टैक्सपेयर रजिस्ट्रेशन सेवाओं की व्यावसायिक प्रक्रियाओं रि-इंजीनियर करने के लिए शुरू की गई गए ई-गवर्नेंस पहल है. इसका मकसद नई तकनीक के इस्तेमाल से PAN/TAN से जुड़ी सेवाओं की गुणवत्ता को सुधारना है.

2. पैन 2.0 मौजूदा व्यवस्था से कैसे अलग है?

इसमें तीन बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. पहला बदलाव प्लेटफार्मों का एकीकरण है. दूसरा बदलाव इसे पूरी तरह से पेपरलेस बनाना है. इसके अलावा करदाताओं की सुविधा के लिहाज से भी यह मौजूदा व्यवस्था से अलग है. इसके तहत पैन का अलॉटमेंट, अपडेशन, करेक्शन मुफ्त किया जाएगा. इसके अलावा ई-पैन पंजीकृत मेल आईडी पर भेजा जाएगा. जबकि, फिजिकल पैन कार्ड के लिए आवेदक को 50 रुपये का शुल्क चुकाना होगा. भारत के बाहर कार्ड की डिलीवरी के लिए 15 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा.

3. क्या आपको अपना पैन नंबर बदलने की जरूरत है?

 नहीं, मौजूदा पैन कार्ड धारकों को पैन 2.0 के तहत नए पैन के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी.

4. क्या पैन में नाम, वर्तनी, पता बदलने का विकल्प मिलेगा?

हां. मौजूदा व्यवस्था की तरह ही नई व्यवस्था में भी पैन धारक को पैन से जुड़े ईमेल, मोबाइल, पतेे, नाम, जन्म तिथि जैसे डाटा में सुधार और बदलाव का विकल्प मिलेगा. पैन 2.0 परियोजना शुरू होने के बाद यह सब बिना शुल्क किया किया जा सकता है.

5. क्या मुझे पैन 2.0 के तहत अपना पैन कार्ड बदलने की जरूरत है?

नहीं, पैन कार्ड तब तक बदलने की जरूरत नहीं है, जब तक उसमें कोई बदलाव या सुधार नहीं किया जाता है.

6. नया पैन कार्ड कब तक मिलेगा?

कोई भी नया पैन कार्ड तब तक वितरित नहीं किया जाएगा, जब तक कि पैन धारक अपने मौजूदा पैन में किसी भी बदलाव/सुधार के चलते इसके लिए इसका आवेदन नहीं करता है. पैनधारक अपना पुराना पता अपडेट करना चाहते हैं.

7. पैन 2.0 के क्यूआर कोड से हमें क्या फायदा होगा?

क्यूआर कोड कोई नई सुविधा नहीं है. इसे 2017-18 से पैन कार्ड में शामिल किया गया है. इसे पैन 2.0 परियोजना के तहत एडवांस बनाया जाएगा. डायनामिक क्यूआर कोड पैन डेटाबेस में मौजूद नवीनतम डेटा प्रदर्शित करेगा. इसके अलावा जिन पैन धारकों के पास बिना क्यूआर कोड वाला पुराना कार्ड है, वे क्यूआर कोड वाले नए कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा क्यूआर कोड पैन के वेलिडेशन और वैरिफिकेशन में भी मदद करता है.

8. सभी व्यवसाय-संबंधित गतिविधियों के लिए कॉमन बिजनेस आइडेंटिफायर का मतलब क्या है?

केंद्रीय बजट 2023 में यह घोषणा की गई थी कि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के पास पैन होना आवश्यक है, जिसका उपयोग सरकारी एजेंसियों के सभी डिजिटल सिस्टम के लिए एक कॉमन बिजनेस आईडेंटिफायर के तौर पर किया जा सके. इस योजना को अमल में लाने के लिए अब पैन का इस्तेमाल किया जाएगा.

9. यूनीफाइड पोर्टल का क्या अर्थ है?

फिलहाल, पैन से जुड़ी सेवाएं तीन पोर्टलों के जरिये उपलब्ध कराई जाती हैं. पैन 2.0 परियोजना के तहत पैन/टैन संबंधित सभी सेवाएं एक ही पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएंगी. यह पोर्टल पैन और टैन से जुड़ी एंड-टू-एंड सेवाओं मसलन, अलॉटमेंट, अपडेशन, करेक्शन, ऑनलाइन पैन वैरिफिकेशन (ओपीवी), आधार-पैन लिंकिंग, ई-पैन रिक्वेस्ट और पैन कार्ड रिप्रिंट रिक्वेस्ट की सुविधाएं देगा.

10. एक से अधिक पैन रखने वालों से कैसे निपटा जाएगा?

आयकर अधिनियम, 1961 के तहत कोई भी व्यक्ति एक से अधिक पैन नहीं रख सकता. अगर किसी व्यक्ति के पास एक से ज्यादा पैन हैं, तो वह खुद उसे रीजनल असेसमेंट अधिकारी को इसकी जानकारी देकर उसे हटाने के लिए बाध्य है. इसके अलावा पैन 2.0 में डुप्लिकेसी को पहचानने के लिए बेहतर सिस्टम है.