Truecaller के दफ्तरों पर इनकम टैक्स का छापा, टैक्स चोरी का है आरोप
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने Truecaller App के दफ्तरों पर छापा मारा है. टैक्स चोरी के आरोप में ट्रूकॉलर के दफ्तरों पर छापेमारी की गई है. यह स्वीडन की कंपनी है. Truecaller App की मदद से अनजान नंबर से आए कॉल की कॉलर आईडी का पता लगाया जाता है.
Truecaller App के दफ्तरों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापा मारा है. आयकार विभाग के अधिकारी कंपनी के ऑफिस और उसके कैंपस की जांच कर रहे हैं. गुरुवार 7 नवंबर को आईटी डिपार्टमेंट ने टैक्स चोरी के आरोप में ट्रूकॉलर के ऑफिस पर छापेमारी की है. स्वीडन की इस कंपनी ने कहा है कि आईटी डिपार्टमेंट के अधिकारियों के साथ वह जांच में सहयोग कर रहे हैं.
ट्रूकॉलर के कई दफ्तरों पर आयकर विभाग की अधिकारी तलाशी ले रहे हैं. स्वीडन बेस्ड यह कंपनी का भारत समेत कई देशों में फेमस है. ट्रूकॉलर पर टैक्स चोरी करने के आरोप में यह कार्रवाई की जा रही है. ट्रूकॉलर की मदद से अनजान नंबर से आ रही कॉल के कॉलर का नाम का पता चलता है.
कंपनी ने कहा जांच में करेंगे सहयोग
आईटी की छापेमारे को लेकर के कंपनी ने अपना पक्ष रखा है, जिसमें कहा कि हम जांच में पूरी तरीके से सहयोग करेंगे, जहां तक रही टैक्स चोरा की बात तो एक कंपनी के तौर पर हमारी सारी एक्टिविटीज पारदर्शी हैं. कंपनी ने आगे कहा कि हम पर दुनिया भर के करीब 425 मिलियन लोग भरोसा करते हैं. जो नंबरों की पहचान करने और स्पैम को ब्लॉक करने के लिए Android और iOS ऐप पर भरोसा करते हैं.
2009 में हुई थी शुरुआत
स्वीडन की इस कंपनी की शुरुआत 2009 में हुई थी. इस कंपनी को Alan Mamedi और Nami Zarringhalam ने शुरू किया था. अब यह स्वीडन के अलावा भारत में भी फेमस है. Truecaller App से न केवल आप कॉलर आई का पता लगाते हैं. बल्कि स्पैम कॉल से भी बच सकते हैं. दरअसल, ऐप में कुछ नंबर को स्पैम में रिपोर्ट करने का ऑप्शन होता है. ऐसे में अगर एक नंबर को कई लोग रिपोर्ट करते हैं तो उसे स्पैम मान लिया जाता है.