ट्रंप ने किया खेल! अमेरिका हजारों भारतीयों को भेजेगा वापस, क्या होगा इस फैसले का असर?

अमेरिका में रह रहे हजारों भारतीयों के भविष्य पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. नई नीतियों के चलते उन्हें जल्द ही बड़ा झटका लग सकता है. सरकारें इस मुद्दे पर गुप्त बातचीत कर रही हैं, जिससे कई परिवारों की चिंता बढ़ गई है.

क्या अमेरिका से भारत लौटेंगे लाखों अवैध प्रवासी Image Credit: Freepik

भारत और अमेरिका के बीच प्रवासियों को लेकर बड़ा समझौता हुआ है. इस करार के बाद जो भी भारतीय नागरिक अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे हैं, उन्हें वापस बुला लिया जाएगा. यह फैसला अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस नई नीति के तहत लिया गया है, जिसमें वह अवैध प्रवास को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई कर रहे हैं. ब्लूमबर्ग के रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में करीब 18,000 अवैध भारतीय प्रवासियों की पहचान हो चुकी है जिन्हें जल्द ही भारत वापस भेजा जाएगा. हालांकि, वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है.

भारत, अमेरिका के साथ मिलकर अवैध प्रवास को कंट्रोल करने के लिए काम कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अमेरिका के साथ मिलकर इस मुद्दे को हल करने के लिए तैयार है. भारत इस सहयोग के बदले में अमेरिका से कानूनी प्रवास के रास्ते खुले रखने की उम्मीद कर रहा है, खासकर H-1B वीजा और स्टूडेंट वीजा जैसे कार्यक्रमों में भारतीय नागरिकों के लिए अवसर बनाए रखने की कोशिश करेगा.

अवैध प्रवासियों की संख्या और अमेरिका की सख्ती

अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों की सटीक संख्या अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में अमेरिका में 2.2 लाख अवैध भारतीय प्रवासी रह रहे थे. अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले भारतीयों की संख्या हाल के वर्षों में बढ़ी है खासतौर से उत्तरी सीमा के माध्यम से. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वहां अवैध प्रवासियों में भारतीयों की हिस्सेदारी 25 फीसदी तक पहुंच गई है जो अन्य देशों की तुलना में काफी अधिक है.

इंडियन के घर वापसी से भारत को फायदा और नुकसान?

भारत इस सहयोग के जरिए अपने नागरिकों के लिए कानूनी रूप सेअमेरिका में एंट्री का रास्ता आसान बनाना चाहता है. भारत और अमेरिका के बीच एक आपसी समझौते के तहत, अवैध प्रवास को रोकने के साथ ही कानूनी प्रवास के अवसरों को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है. भारत पहले ही सऊदी अरब, ताइवान, जापान और इजरायल जैसे देशों के साथ श्रम और प्रवासन समझौतों पर हस्ताक्षर कर चुका है ताकि भारतीयों को विदेशों में काम करने के ज्यादा मौके मिल सकें.

भारत में पहले से ही रोजगार की समस्या बनी हुई है और इतने बड़े पैमाने पर प्रवासियों की वापसी से यह संकट और बढ़ सकता है. वापस आने वाले प्रवासियों को रोजगार देने के लिए सरकार को विशेष योजनाएं बनानी पड़ेंगी. इसके अलावा, अमेरिका से लौटने वाले लोगों को भारत की आर्थिक स्थिति के अनुरूप ढालना भी एक चुनौती होगी.

अवैध प्रवास के राजनीतिक प्रभाव

भारत के लिए अवैध प्रवासियों को वापस लेना न केवल अमेरिका के साथ संबंधों को मजबूत करेगा बल्कि यह भारत में भी कई आंतरिक मुद्दों पर असर डाल सकता है. मोदी सरकार ने प्रवासियों की वापसी को देश की सुरक्षा और संप्रभुता से जोड़ा है. भारत का मानना है कि कई अवैध प्रवासियों का संबंध खालिस्तान आंदोलन से हो सकता है जो भारत में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है. सरकार का मानना है कि अमेरिका और कनाडा में बसे कुछ खालिस्तानी समर्थक अवैध प्रवासी हो सकते हैं जिनकी वापसी से इस आंदोलन पर लगाम लगाई जा सकेगी.

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डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद अवैध प्रवास को रोकने के लिए कई सख्त फैसले लिए हैं. ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा के खिलाफ कड़े फैसले लिए हैं, जिनमें भारी टैरिफ और सीमा सुरक्षा बढ़ाने की बात कही गई है. अमेरिका ने अक्टूबर 2023 में एक बड़े अभियान के तहत 100 से अधिक भारतीयों को चार्टर्ड फ्लाइट से वापस भेजा था, और पिछले 12 महीनों में 1,100 से अधिक भारतीयों को अमेरिका से बाहर निकाला गया था.

भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों पर असर

हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच अच्छे रिश्ते माने जाते हैं फिर भी भारत इस मामले में सावधानी बरत रहा है. अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की नीतियों के कारण भारत पर व्यापारिक दबाव भी बढ़ सकता है. ट्रंप पहले भी भारत पर हाई इंपोर्ट टैक्स लगाने का आरोप लगा चुके हैं.