News9 Global Summit: भारतीय स्टार्टअप्स को किसकी जरूरत? TCG के चेयरमैन पूर्णेंदु चटर्जी ने दिया सफल इनोवेशन का मंत्र

न्यूज9 ग्लोबल समिट में भारत-जर्मनी के संबंधों को लेकर गहन चर्चा हुई. AI, इनोवेशन और वैश्विक व्यापार पर TCG के चेयरमैन पूर्णेंदु चटर्जी ने कई अहम बिंदुओं को साझा किया.

TCG के चेयरमैन पुरनेंदु चटर्जी Image Credit: News9

जर्मनी के स्टटगार्ट में चल रहे News9 Global Summit का दूसरा दिन भारत और जर्मनी के संबंधों को गहराई से समझने और उन्हें मजबूत करने पर केंद्रित रहा. यह तीन दिवसीय आयोजन (21 से 23 नवंबर) नेताओं और व्यावसायिक विशेषज्ञों को एक मंच पर लाने का काम कर रहा है. इस आयोजन का उद्देश्य दोनों देशों के लिए भविष्य को आकार देने वाले विचारों का स्वागत और उन्हें सरहना देना है.

आयोजन में द चटर्जी ग्रुप (TCG) के चेयरमैन पूर्णेंदु चटर्जी ने अपने संबोधन में इस समिट को भारत-जर्मनी के रिश्तों के लिए “नई शुरुआत” करार दिया. इसके साथ ही उन्होंने भारत के स्टार्टप पर भरोसा जताते हुए कहा, “भारत 2047 तक एक वैश्विक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है. जो लोग आज यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स की दौड़ में हैं, वे अगले 50-60 वर्षों के भविष्य को आकार देंगे.”

AI और ‘Trump 2.0’ का प्रभाव

चटर्जी ने तकनीकी क्रांति और वैश्विक उथल-पुथल के बीच आने वाली चुनौतियों का जिक्र किया. उन्होंने AI और ‘Trump 2.0’ जैसे इवेंट को न केवल बाधा बल्कि बड़ी संभावनाओं का प्रतीक बताया.

उन्होंने कहा कि AI और डिजिटल तकनीक आने वाले वक्त में बिजनेस का चेहरा बदल देंगे. भारतीय स्टार्टअप्स को तकनीकी नवाचार में निवेश करना चाहिए और ऐसे प्रोडक्ट बनाने चाहिए जो वैश्विक स्तर पर कम्पटीशन कर सके.

वैश्विक बाजार और भारतीय स्टार्टअप्स की दिशा

चटर्जी ने अपने संबोधन में बताया कि अमेरिका का बाजार पूंजीकरण पिछले तीन वर्षों में 40 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 55 ट्रिलियन डॉलर हो गया है जबकि चीन का घटकर 14 ट्रिलियन डॉलर से 10 ट्रिलियन डॉलर रह गया. उन्होंने कहा, “स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर सफल होने के लिए अमीर ग्राहकों पर ध्यान केंद्रित करना होगा, जैसे मर्सिडीज-बेंज ने किया.”

चटर्जी ने भारत की तकनीकी आधार को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा, “भारत का R&D प्रदर्शन निराशाजनक है. हमें ऐसे उत्पाद बनाने होंगे जो पूरी तरह से हमारी तकनीक पर आधारित हों.” उन्होंने Aadhar और UPI को भारत की सफलता के उदाहरण के रूप में पेश किया लेकिन यह भी कहा कि भारत को नए विचारों की जरूरत है.