बेहद ताकतवर है अमेरिका का फाइटर F-35, अगर भारत ने खरीदा तो चीन-पाक की उड़ जाएगी नींद

भारत को पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि चीन और पाकिस्तान पहले ही इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. यदि भारत F-35 खरीदता है, तो यह भारतीय वायुसेना को दुश्मनों पर तकनीकी बढ़त दिला सकता है और भविष्य के युद्धों में निर्णायक भूमिका निभा सकता है.

आधुनिक युद्ध स्थितियों में 5वीं पीढ़ी का F-35 हवाई दबदबा बनाए रखने के लिए कई उन्नत क्षमताओं से लैस है. Image Credit: Lockheed Martin

5th Generation Fighter Jet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दो दिवसीय दौरे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अहम घोषणा की है. ट्रंप ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच दुनिया के सबसे एडवांस फाइटर जेट F-35 की खरीद को लेकर बातचीत चल रही है. इस बयान से यह साफ हो गया कि भारत पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट खरीदने के प्रयास कर रहा है. इससे पहले इस पर केवल अटकलें थीं, लेकिन अब इसे लेकर आधिकारिक पुष्टि हो गई है. आइए जानते हैं कि पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट भारत के लिए कितना कारगर हो सकता है.

भारत के लिए F-35 कितना कारगर

वर्तमान में भारत के पास सबसे एडवांस फाइटर जेट फ्रांस का राफेल है, जो 4.5 जनरेशन का लड़ाकू विमान है. भारतीय वायुसेना को अपनी सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए 42 स्क्वाड्रन (एक स्क्वाड्रन में 18 से 20 विमान) की आवश्यकता होती है, लेकिन इस समय केवल 36 स्क्वाड्रन सक्रिय रूप से कार्यरत हैं. इसमें राफेल की संख्या मात्र 36 है, जबकि बाकी लड़ाकू विमान 4th जनरेशन या उससे नीचे के हैं. इस कमी को दूर करने के लिए भारत सरकार ज्यादा एडवांस लड़ाकू विमानों की खरीद पर ध्यान दे रही है.

चीन और पाकिस्तान से बढ़ता खतरा

भारत के दोनों पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान पहले ही 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट का संचालन कर रहे हैं. चीन ने अपने स्वदेशी J-20 स्टील्थ फाइटर जेट का पूरा स्क्वाड्रन तैयार कर लिया है. तो वही पाकिस्तान भी चीन के इन लड़ाकू विमानों का सक्रिय रूप से उपयोग कर रहा है.

इस खतरे को देखते हुए भारत को जल्द ही पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट की जरूरत है. भारत के पास इसके लिए दो विकल्प हैं. पहला रूस का Su-57, जो एडवांस पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट है और इसे दुनिया के बेहतरीन फाइटर जेट्स में गिना जाता है. दूसरा, अमेरिका का F-35, जो दुनिया का सबसे उन्नत फाइटर जेट माना जाता है. और इसकी किमत 8 सौ करोड़ से लेकर 9 सौ करोड़ के बीच है.

दुनिया का सबसे एडवांस फाइटर जेट

लॉकहीड मार्टिन के मुताबिक, F-35 दुनिया का सबसे घातक, सुरक्षित और उन्नत कनेक्टिविटी वाला फाइटर जेट है. यह पायलटों को दुश्मनों पर बढ़त दिलाता है, जिससे वे मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें और सुरक्षित लौट सकें.
F-35 के तीन प्रकार हैं, जो सभी सिंगल-सीट फाइटर जेट हैं.

  1. F-35A (CTOL) पारंपरिक टेकऑफ और लैंडिंग वाला वर्जन, जिसे अमेरिकी एयरफोर्स और कई अन्य देशों की सेनाएं उपयोग करती हैं.
  2. -F-35B (STOVL) – यह शॉर्ट टेकऑफ और वर्टिकल लैंडिंग करने में सक्षम है, जिससे इसे छोटे एयरबेस और युद्धपोतों से संचालित किया जा सकता है. इसे अमेरिकी मरीन कॉर्प्स, ब्रिटेन और इटली की वायुसेना उपयोग करती है.
  3. F-35C (Carrier Variant) – यह अमेरिका की नेवी का पहला स्टील्थ फाइटर जेट है, जिसे विशेष रूप से एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट करने के लिए डिजाइन किया गया है.

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किन देशों ने F-35 को अपनाया?

F-35 प्रोग्राम को पेंटागन के F-35 ज्वाइंट प्रोग्राम ऑफिस द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जिसमें अमेरिकी एयरफोर्स, मरीन कॉर्प्स और नेवी इसे संचालित करती हैं. इस प्रोग्राम के मुख्य भागीदार की बात करें तो

  • फाउंडर मेंबर: अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे, डेनमार्क और कनाडा है.
    अन्य ग्राहक देश: इजराइल, जापान, दक्षिण कोरिया, बेल्जियम, पोलैंड, सिंगापुर और फिनलैंड है.
  • इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व लॉकहीड मार्टिन कर रही है, जिसमें 1,900+ कंपनियां शामिल हैं, जो 48 अमेरिकी राज्यों और 10+ देशों में फैली हुई हैं.

F-35 की एडवांस टेक्नोलॉजी और खूबियां

आधुनिक युद्ध स्थितियों में 5वीं पीढ़ी का F-35 हवाई दबदबा बनाए रखने के लिए कई उन्नत क्षमताओं से लैस है. जिसमें स्टील्थ (VLO) तकनीक, यह रडार पर न के बराबर दिखता है, जिससे दुश्मन के इलाके में आसानी से प्रवेश कर सकता है.

  • अत्याधुनिक सेंसर और डेटा फ्यूजन – यह युद्धक्षेत्र की पूरी तस्वीर प्रदान करता है, जिससे पायलट की स्थितिजन्य जागरूकता (Situational Awareness) बढ़ती है.
  • सुपरसोनिक स्पीड और लंबी रेंज – Pratt & Whitney F135 इंजन की मदद से यह Mach 1.6 (1,975 किमी/घंटा) की गति से उड़ सकता है, भले ही इसमें हथियार और ईंधन भरा हो.
  • इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (Electronic Warfare) – यह दुश्मन की लोकेशन ट्रैक कर सकता है, रडार को जाम कर सकता है और हमलों को बाधित कर सकता है.
  • हथियार ले जाने की क्षमता – यह 18,000+ पाउंड के हथियार ले जा सकता है, जिसे जरूरत के हिसाब से स्टील्थ (अंदरूनी) या खुले रूप (बाहरी) में तैनात किया जा सकता है.
  • नेटवर्क कनेक्टिविटी – यह अन्य ग्राउंड, समुद्री और हवाई बलों के साथ रियल-टाइम डेटा साझा कर सकता है, जिससे युद्धक्षेत्र में सामरिक बढ़त मिलती है.