भारत में फिर बढ़ सकती है खाने के तेलों पर इम्पोर्ट ड्यूटी, घरेलू किसानों को मिलेगी राहत?

खाने के तेल की कीमतों में बड़ा बदलाव आ सकता है. सरकार एक ऐसा फैसला लेने की तैयारी में है जो लाखों किसानों को राहत दे सकता है लेकिन आम उपभोक्ताओं के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है. जानिए, पूरा मामला क्या है.

खाद्द तेल Image Credit: freepik

भारत सरकार जल्द ही खाद्य तेलों (वेजिटेबल ऑयल) पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी कर रही है. यह छह महीनों में दूसरी बार होगा जब सरकार ऐसा कदम उठाएगी. इस फैसले का मकसद घरेलू तेल बीज किसानों को समर्थन देना है, जो हाल ही में कीमतों में भारी गिरावट से प्रभावित हुए हैं.

भारत दुनिया में खाद्य तेलों का सबसे बड़ा आयातक है. लेकिन घरेलू बाजार में सरसों, सोयाबीन और अन्य तेल बीजों की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से भी नीचे गिर गई हैं. ऐसे में किसानों को राहत देने के लिए सरकार आयात शुल्क बढ़ाने की योजना बना रही है, ताकि घरेलू तेल और तिलहन की कीमतों में सुधार हो.

सरकार का रुख और संभावित असर

इकोनॉमिक टाइम्स के रिपोर्ट के मुताबिक, विभिन्न मंत्रालयों के बीच इस मुद्दे पर चर्चा पूरी हो चुकी है और जल्द ही शुल्क बढ़ाने की घोषणा हो सकती है. हालांकि, सरकार इस फैसले से खाद्य महंगाई पर पड़ने वाले असर को भी ध्यान में रख रही है.

सितंबर 2024 में सरकार ने कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों पर 20 फीसदी बेसिक कस्टम ड्यूटी लगाई थी. इसके बाद, कच्चे पाम ऑयल, कच्चे सोया ऑयल और कच्चे सनफ्लावर ऑयल पर इम्पोर्ट ड्यूटी 5.5 फीसदी से बढ़ाकर 27.5 फीसदी कर दी गई थी, जबकि रिफाइंड तेलों पर यह 35.75 फीसदी हो गई थी.

घरेलू बाजार में कीमतों की स्थिति

फिलहाल, घरेलू बाजार में सोयाबीन की कीमत 4,300 रुपये प्रति 100 किलोग्राम चल रही है, जो सरकार द्वारा तय 4,892 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से काफी कम है. विशेषज्ञों का मानना है कि जब नए सीजन की सरसों बाजार में आएगी, तो इसकी कीमतों में और गिरावट हो सकती है.

इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ने से विदेशी तेलों की खरीद में कमी आ सकती है. भारतीय रिफाइनरों ने पहले ही मार्च से जून के बीच आने वाली 1,00,000 मीट्रिक टन कच्चे पाम ऑयल की डिलीवरी के ऑर्डर रद्द कर दिए हैं.

भारत अपनी लगभग दो-तिहाई वेजिटेबल ऑयल की जरूरत आयात से पूरी करता है. पाम ऑयल मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से आता है जबकि सोया और सनफ्लावर ऑयल अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से खरीदा जाता है.