DAVOS में भारत का परचम! 20 लाख करोड़ के निवेश समझौते, महाराष्ट्र को सबसे बड़ा हिस्सा

दावोस में इस साल भारत की जबरदस्त मौजूदगी देखने को मिली, जहां निवेशकों ने खुलकर दिलचस्पी दिखाई. वैश्विक कंपनियों के बड़े ऐलान हुए और कई राज्यों को करोड़ों का निवेश मिला.

DAVOS Image Credit: Mehmet Kaman/Anadolu Agency/Getty Images)

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की पांच दिवसीय वार्षिक बैठक बीते शुक्रवार यानी 25 जनवरी को समाप्त हो गई. इस आयोजन से भारत ने निवेशकों का जबरदस्त भरोसा हासिल किया. इस बैठक में भारत को 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश हासिल हुए है जिनमें से लगभग 80 फीसदी निवेश महाराष्ट्र के खाते में गया है. इस सफलता ने भारत की वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभरती भूमिका को और मजबूत किया.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “दुनिया को यह विश्वास हो गया है कि भारत एक भरोसेमंद देश है, जहां लोकतंत्र जीवित है और बौद्धिक संपदा अधिकारों (IP Rights) का पूरा सम्मान किया जाता है.”

महाराष्ट्र में सबसे बड़ा निवेश

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में राज्य ने 61 समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए, जिनकी कुल राशि 15.70 लाख करोड़ रुपये रही. ये निवेश 16 लाख नई नौकरियां पैदा करने की क्षमता रखते हैं. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की अगुवाई में राज्य ने 1.79 लाख करोड़ रुपये के 20 समझौते किए. इनका मुख्य फोकस डेटा सेंटर, ग्रीन एनर्जी और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी पर रहा.

इन निवेशों से करीब 50,000 नई नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है.केरल सरकार ने राज्य को एक इंडस्ट्रियल सेंटर के तौर पर विकसित करने के अपने विजन को पेश किया. केरल के उद्योग मंत्री पी. राजीव ने 30 से अधिक वन-टू-वन मीटिंग्स कर निवेशकों को आकर्षित किया. उत्तर प्रदेश ने अपनी अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना को जाहिर किया और हजारों करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को अपने हिस्से में शामिल कर लिया.

वैश्विक कंपनियों का भारत में निवेश

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बताया कि वैश्विक बेवरेज कंपनी एबी इनबेव (AB InBev) ने भारत में 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की घोषणा की. FMCG सेक्टर की दिग्गज कंपनी यूनिलीवर तेलंगाना में दो नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने की योजना बना रही है. यूनिलीवर, भारत में हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के नाम से जानी जाती है.

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DAVOS में 100 से अधिक भारतीय CEO और शीर्ष बिजनेस लीडर्स ने भाग लिया जिससे वैश्विक कंपनियों के साथ कई साझेदारियों के द्वार खुले. इस बैठक में भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और निवेश-अनुकूल माहौल को देखते हुए निवेशकों ने भारत में जबरदस्त रुचि दिखाई. इस बड़े निवेश से भारत में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और देश की अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी.