चमकदार लहंगा, महंगा वेन्यू…. शादियों में 50 लाख भी हुआ कम, जानें कैसे खर्च कर रहे हैं भारतीय

भारत में शादी का सीजन भव्य आयोजनों और भारी खर्चों के लिए जाना जा रहा है. जानिए, कैसे बदल रहे हैं शादी के ट्रेंड और क्यों शादियां अब लग्जरी इवेंट बन गई हैं.

बीते साल की तुलना शादियों का खर्च 2024 में 7% अधिक है. Image Credit: FreePik

जब बात भारतीय शादियों की हो तो ये सिर्फ एक आयोजन नहीं बल्कि एक जश्न होता है, जिसमें सपनों को साकार किया जाता है. इस बार, सपनों का यह जश्न पहले से कहीं ज्यादा भव्य और खर्चीला हो गया है. हर दुल्हन का लहंगा चमकदार है, हर वेन्यू एक परीकथा की तरह सजाया गया है, और हर जोड़े का सपना ‘इंस्टाग्रामेबल’ यादें बनाने का है. अगर आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं तो इस बात की गवाही देते आपको कई वीडियो दिख जाएंगे. इन ग्लैमरस शादियों ने अमूमन हर किसी के मन में ‘शादी कैसी हो’ का ढांचा तैयार कर दिया है, और इस ढांचे में फिट होने के लिए लोग पैसा पानी के तरह बहा रहे हैं.

वेडिंग प्लानिंग फर्म WedMeGood की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में शादियों का औसत बजट इस बार 36.5 लाख रुपये पहुंच गया है. वहीं डेस्टिनेशन वेडिंग्स के लिए लोग औसतन 51 लाख रुपये खर्च कर रहे हैं. ये शादियां अब सिर्फ परिवारों का उत्सव नहीं बल्कि करोड़ों का कारोबार बन चुकी हैं. 2023 की तुलना में यह खर्च 7% अधिक है. खास बात यह है कि हर पांच में से एक जोड़ा 50 लाख रुपये से ज्यादा खर्च करने में हिचकिचा नहीं रहा है.

शादी पर बढ़ता बजट: आंकड़ों की जुबानी

WedMeGood के 3,500 जोड़ों पर किए गए सर्वे के अनुसार:

खर्च के पीछे कारण

वेन्यू और कैटरिंग की बढ़ती कीमतें इस खर्च में अहम भूमिका निभा रही हैं. इनकी लागत में सालाना 10 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है. TOI के रिपोर्ट के हवाले से TailorMade Experiences के संस्थापक शशांक गुप्ता कहते हैं, “हर कोई अपनी शादी को खास बनाना चाहता है. लोग वेन्यू, खाने और वेडिंग प्लानिंग पर सबसे ज्यादा खर्च कर रहे हैं. भारत में घर खरीदने के बाद शादी पर सबसे ज्यादा खर्च किया जाता है.”

डेस्टिनेशन वेडिंग और सेलेब्रिटी ट्रेंड का प्रभाव

एक करोड़ रुपये से अधिक की हाई-बजट शादियां ज्यादातर डेस्टिनेशन वेडिंग होती हैं. बॉलीवुड और सोशल मीडिया पर इन शादियों को बढ़ावा मिलने से यह ट्रेंड और भी लोकप्रिय हो गया है. इस तरह की शादियों में व्यक्तिगत और अनुभवात्मक आयोजन पर ज्यादा जोर दिया जाता है.

शादियां और व्यापार का असर

Confederation of All India Traders (CAIT) के अनुसार, नवंबर और दिसंबर में 48 लाख शादियां होंगी, जिनसे 6 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है. शुभ मुहूर्तों की अधिक संख्या और शादी का मौसम भारत के रिटेल सेक्टर को बढ़ावा दे रहा है.

सोशल मीडिया की भूमिका और फाइनेंसिंग

आज के समय में “इंस्टाग्रामेबल” शादियां एक नई जरूरत बन गई हैं. सोशल मीडिया पर परफेक्ट फोटोज और वीडियो की चाहत ने लोगों को बड़े बजट की शादियों की ओर आकर्षित किया है. WedMeGood की रिपोर्ट के मुताबिक, शादी में खर्च हुआ 82% रकम कपल्स अपनी और अपने परिवार की बचत से निकालते हैं. जबकि 12% पैसा लोन लिया जाता है और शादी का 6% रकम हासिल करने के लिए कपल्स संपत्तियों को भुनाते हैं.

इस बदलते ट्रेंड के पीछे बढ़ती मांग, सोशल मीडिया का प्रभाव और डेस्टिनेशन वेडिंग का चलन मुख्य कारण हैं.