डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन से सरकार की झोली में आए 12.1 लाख करोड़, सालाना आधार पर हुई 15.4% की बढ़ोतरी
सरकार ने डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में उल्लेखनीय बढ़त दर्ज की है. इस बढ़त में कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत करदाताओं का योगदान शामिल है...
इकॉनमी के लिहाज से यह खबर अच्छी है. देश का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1 अप्रैल से 10 नवंबर की अवधी के दौरान ₹12.11 लाख करोड़ तक पहुंच गया है. यह आंकड़ा पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 15.41% की बढ़त को दर्शाता है. यह जानकारी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 11 नवंबर को जारी आंकड़ों के जरिए से दी.
क्या रही उछाल की वजह?
टैक्स कलेक्शन के मामले में ये उछाल मुख्यतः कॉर्पोरेट और पर्सनल टैक्स से मिली ज्यादा कीमत के वजह से है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार कॉर्पोरेट टैक्स संग्रह ₹5.10 लाख करोड़ पर है. वहीं गैर- कॉर्पोरेट कर, जिसमें पर्सनल टैक्सपेयर भी शामिल है, ₹6.62 लाख करोड़ तक पहुंच गया है. अन्य कर जैसे कि समानीकरण कर (Equalisation Levy) और गिफ्ट टैक्स से कुल ₹35,923 करोड़ का योगदान हुआ है.
₹2.9 लाख करोड़ टैक्स रिफंड जारी
आयकर विभाग की साझा जानकारी के मुताबिक इस अवधि के दौरान यह ग्रॉस बेसिस पर 21 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपये हो गया. इसके अलावा, सरकार ने इस अवधि में कर रिफंड के रूप में ₹2.9 लाख करोड़ जारी किए हैं.
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वित्तीय वर्ष के पहले छः महीने में हुई थी 16% वृद्धि
रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक, 1 अप्रैल से 17 सितंबर तक सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन ₹9.96 लाख करोड़ तक पहुंचा था. यह आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 16% अधिक था. वहीं, सकल आधार पर यह ₹12 लाख करोड़ रहा था. इस दौरान लगभग ₹2.05 लाख करोड़ के कर रिफंड जारी किए गए थे.
सरकार का यह संग्रह दिखाता है कि देश में आर्थिक गतिविधियां सामान्य होने के साथ-साथ टैक्सपेयर का योगदान भी मजबूत हो रहा है.