डूब रहा है भारत का इंडस्ट्रियल सेक्टर, 22 महीनों में पहली बार क्यों देखना पड़ा ये दिन?

अगस्त 2024 में भारत की औद्योगिक वृद्धि में पहली बार भारी गिरावट दर्ज की गई है. व्यापार घाटा भी बढ़ा है, और निर्यात गतिविधियां प्रभावित हुई हैं. जानिए इसके पीछे की वजह...

डूब रहा है भारत का इंडस्ट्रियल सेक्टर Image Credit: Bernd von Jutrczenka/picture alliance via Getty Images

भारत के इंडस्ट्रियल ग्रोथ में एक लंबे वक्त के बादग भारी गिरावट देखने को मिली है. यह खबर देश के अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी नहीं है. भारत की औद्योगिक वृद्धि में अगस्त 2024 में 22 महीनों में पहली बार गिरावट दर्ज की गई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में इंडस्ट्रियल ग्रोथ में 0.1% की कमी हुई, जबकि जुलाई 2024 में यह 4.7% की वृद्धि पर था. इस गिरावट का मुख्य कारण अनुकूल आधार न होना बताया गया है.

कोर सेक्टर में बड़ी गिरावट

कोर सेक्टर जो इंडस्ट्रियल ग्रोथ में 40 फीसदी का हिस्सा रखता है, अगस्त महीने में इसमें 1.8 फीसदी का घाटा देखने को मिला. बीते दिनों इस डिवीजन ने अच्छा प्रदर्शन किया था. जुलाई में कोर सेक्टर ने 6.1% की वृद्धि दर्ज की थी. यह गिरावट चार वर्षों में पहली बार तब देखी गई है, जब बुनियादी ढांचा उद्योगों में विकास दर में गिरावट आई है.

HSBC के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में इंडस्ट्रियल सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग तीन महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गई. मैन्युफैक्चरिंग महज 57.5 पर आकर अटक गयी. इसका मुख्य कारण मांग और निर्यात की कमी रही. यह गिरावट उद्योग जगत के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि उत्पादन और निर्यात दोनों में सुस्ती देखी जा रही है.

निर्यात में 9.4% की गिरावट, व्यापार घाटा बढ़ा

अगस्त 2024 में भारत के माल निर्यात में भी 9.4% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे देश का व्यापार घाटा 10 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. निर्यात में यह कमी वैश्विक मांग में कमी और कमजोर आर्थिक परिस्थितियों के चलते आई है.

यह स्थिति सरकार और उद्योग दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि औद्योगिक उत्पादन और निर्यात में लगातार गिरावट का असर देश की आर्थिक स्थिति पर पड़ सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले महीनों में आर्थिक सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत होगी.