सरकार का बड़ा फैसला: अब घर-घर बनेगा तेल, आयात पर लगेगी लगाम

सरकार ने देश में खाद्य तेल उत्पादन को बढ़ाने के लिए बड़ी योजना की घोषणा की है. इसके तहत ऑयलसीड उत्पादन और प्रोसेसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जाएगा.

अब घर-घर बनेगा तेल, आयात पर लगेगी लगाम Image Credit: Westend61/Getty Images

सरकार ने गुरुवार को खाद्य तेल उत्पादन बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन को मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत ₹10,103 करोड़ का बजट रखा गया है. इसका उद्देश्य देश में तेल बीजों (ऑयलसीड्स) का उत्पादन 12.7 मिलियन टन (MT) से बढ़ाकर 20.2 मिलियन टन तक पहुंचाना है.

योजना का लक्ष्य 2022-23 के 39 मिलियन टन ऑयलसीड उत्पादन को 2030-31 तक 69.7 मिलियन टन तक ले जाना है. इस मुकाम को हासिल करने के लिए खेती के क्षेत्र को 29 मिलियन हेक्टेयर से बढ़ाकर 33 मिलियन हेक्टेयर किया जाएगा.

कौन-कौन से तेल बीजों पर दिया जाएगा ध्यान?

मिशन के तहत मुख्य रूप से सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी और तिलहन जैसी प्रमुख फसलों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा. साथ ही, कॉटनसीड (कपास बीज) और राइस ब्रान (चावल की भूसी) जैसी दूसरी फसलों से भी तेल निकालने की क्षमता बढ़ाने पर फोकस रहेगा.

इस मिशन के जरिए उच्च गुणवत्ता वाली बीज किस्मों और ऐसे अत्याधुनिक वैश्विक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा जिनमें जीनोम एडिटिंग शामिल है. इसके अलावा चावल की खेती के खाली क्षेत्रों में तिलहन की खेती और इंटरक्रॉपिंग (मिश्रित खेती) को भी बढ़ावा दिया जाएगा.

बीज की उपलब्धता और भंडारण के लिए मजबूत योजना

सरकार SATHIY पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन पांच साल का बीज योजना रोल आउट करेगी जिससे राज्य सरकारें बीज उत्पादक एजेंसियों, सहकारी समितियों, किसान उत्पादक संगठनों और निजी बीज निगमों के साथ पहले से ही समझौता कर सकेंगी. मिशन के तहत 65 नए बीज हब और 50 बीज भंडारण इकाइयां स्थापित की जाएंगी.

आयात पर निर्भरता घटेगी

यह योजना 2031 तक घरेलू खाद्य तेल की आवश्यकता को 72% तक पूरा करने का लक्ष्य रखती है. फिलहाल भारत अपनी कुल खपत का 57% खाद्य तेल आयात करता है. योजना के लागू होने से आयात पर निर्भरता कम होगी और आत्मनिर्भरता बढ़ेगी.